यह था पूरा मामला- घटना 12 सितंबर 2015 की है। ग्राम जिजयावन निवासी जगन उर्फ कल्लू सेन पुत्र बारेलाल सेन जिला मुख्यालय पर किसी काम के लिए आया था और यहां से अचानक गायब हो गया था। उसके परिजनों ने उसे बहुत ढूंढा मगर उसका कहीं पता नहीं चला। परिजनों ने पुलिस में मामला भी दर्ज कराया था। उसके बाद 28 सितंबर 2015 को 16 दिन बाद कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्राम पनारी के पास देवकीनंदन पुत्र परमू कोरी के खेत के पास बने एक नाले में एक नर कंकाल पड़ा हुआ है। सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मौके पर जाकर गहनता से निरीक्षण किया और कंकाल को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। कंकाल के पास मिले कपड़े, कड़ा, धड़ी आदि सामान से मृतक के पुत्र कुंवरसेन ने पहचान कर अपने पिता का कंकाल होने का दावा किया था।
ढाबे पर पुलिस ने हड्डियों का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट के लिए भेजा था जो 50% तक मिल गया था तथा विवेचना के दौरान आरोपी राजा भैया के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य भी उपलब्ध हो गये थे। क्योंकि राजा भैया मौके से फरार हो गया था, इसके संबंध में अभियुक्त का गैर जमानती वारंट जारी कर 82 की कार्यवाही भी की गई थी। पुलिस की सफलता पर पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को इनाम देने की भी घोषणा की है। बताया गया है कि आरोपी का आपराधिक इतिहास भी है।
इनका कहना है- इस मामले में पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह का कहना है कि आरोपी पिछले 3 साल से फरार चल रहा था। पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर एक सफलता हासिल की है। अपराधी का पुराना आपराधिक इतिहास भी है। इस मामले में और भी तफ्तीश की जा रही है, अगर और लोगों के नाम सामने आते हैं, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।