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ऑयल रिफाइनरी के नाम पर खाई थी कमीशन
सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमें के अनुसार संजय भंडारी की दुबई में मौजूद कंपनी सैनटेक इंटरनेशनल ने सैमसंग इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड और यूके की फोस्टर व्हीलर एनर्र्जी को एससीईएल के सीनियर मैनेजर होंग नैमकोंग के साथ मिलकर गुजरात में नियमों और शर्तों को ताक पर रखकर ऑयल रिफाइनरी का कॉन्ट्रेक्ट दिलवाया था। आरोप के अनुसार सैमसंग ने संजय भंडारी के दुबई अकाउंट में 49,99,969 डॉलर जमा किए थे। सीबीआई के अनुसार साल 2008 में ओएनहजीसी की ओर से गुजरात के दहेज में ऑयल रिफाइनरी को लेकर कॉन्ट्रेक्ट निकाला था, जिसके लिए बोली लगाई गई थी। सीबीआई की ओर से संजय भंडारी, उसकी कंपनी और सीसीईएल कंपनी और उसके ऑफिशियल और अज्ञात सरकारी अफसरों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
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यह भी लगे हुए हैं आरोप
संजय भंडारी के खिलाफ यह पहला मामला दर्ज नहीं हुआ है। इससे पहले जून 2019 में एयरफोर्स को 75 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दिलाने के नाम पर कमीशन खाने का मुकदमा भ्भी दर्ज हो चुका है। जानकारी के अनुसार संजय भंडारी ने अपनी कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट कंपनी पिलाटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के साथ डील कराई थी। जिसकी एवज में एयरक्राफ्फ्ट कंपनी ने भंडारी को 350 करोड़ रुपए दिए थे। 2016 में इनकम टैक्स ने संजय भंडारी के यहां रेड की थी तो डिफेंस डील से संबंधित डॉक्युमेंट मिले थे। आपको बता दें कि संजय भंडारी साल 2018 में भारत से फरार हो गया था और बताया जाता है कि इस समय लंदन में है।