टाटा ग्रुप के लिए किसी बिजनेस से बाहर निकलना आखिरी विकल्प : साइरस मिस्त्री
मिस्त्री ने कहा कि यह निर्णय केवल शॉर्ट टर्म के नफा नुकसान को ध्यान में रखकर नहीं
किया जाता
न्यूयॉर्क। पिछले 20 साल में 40 बिजनेस से बाहर निकलने वाले टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने कहा है कि यह स्वीकार करने में किसी तरह की झिझक नहीं महसूस होती कि हम किसी बिजनेस को छोड़ रहे हैं या उससे बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी कंपनी को छोडऩा टाटा ग्रुप के लिए अंतिम विकल्प होता है। यह निर्णय केवल शॉर्ट टर्म के नफा नुकसान को ध्यान में रखकर नहीं किया जाता।
मिस्त्री ने इसके लिए टाटा के आभूषण ब्रांड तनिष्क और आईटी यूनिट टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के दिन फिरने के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के बारे में लॉन्ग टर्म की सोच का फायदा हुआ। मिस्त्री एफसीएलटी ग्लोबल की सदस्यता ग्रहण करने के लिए पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क में थे।
मिस्त्री ने कहा – जब हम नए क्षेत्रों में कदम रखते हैं तो असफलता की संभावना रहती ही है। हमें इसे अपने उद्यमशीलता के माडल के तौर पर स्वीकार करना चाहिए। निश्चित रुप से आलोचक यह दलील दे सकते हैं कि हमें अपनी च्कंपनियों से निकलनेज् को लेकर अधिक आक्रामक रुख अपनाना चाहिए था और यदि हम अल्पकालिक नफे नुकसान की दृष्टि से निर्णय करते तो संभवत: ऐसे लोग सही भी हो सकते हैं।
मिस्त्री ने कहा – मुझे यह कहते हुए कोई झिझक नहीं है कि आमतौर पर हमारे लिए किसी कंपनी को छोड़ना आखिरी विकल्प होता है। हम इस तरह का निर्णय करने से पहले तमाम तरह के विकल्पों पर विचार के लिए काफी समय लगाते हैं। हमारे निदेशक मंडल में स्वस्थ विचार-विमर्श से हमें बेहतर और सभी संबंधित पक्षों के लिए संतुलित निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलती है।
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