इमरान की शपथ आैर उसके बाद होने वाले भाषण में काफी दुनियाभर के उद्योगपतियों की नजर रहेगी। क्योंकि उसके बाद ही तय हो पाएगा कि उन्हें पाकिस्तान के बाजारों में निवेश करना कितना फायदेमंद होगा।
•Jul 29, 2018 / 01:38 pm•
Saurabh Sharma
इमरान के शपथ ग्रहण समारोह पर रहेगी इन भारतीय अरबपतियों की नजर, पाक बन सकता है पंसदीदा बाजार
नर्इ दिल्ली। पाकिस्तान में चुनाव हुआ आैर नतीजे इमरान खान के पक्ष में आए। ये बात अलग है कि किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन इमरान खान का पाक निजाम बनना तय है। पाकिस्तानी मीडिया के के अनुसार इमरान पाक इंडिपेंडेंस या फिर उससे एक या दो दिन पहने पाक वजीरे आला की शपथ ले सकते हैं। जरूरी बात ये है कि इमरान की शपथ आैर उसके बाद होने वाले भाषण में काफी दुनियाभर के उद्योगपतियों की नजर रहेगी। क्योंकि उसके बाद ही तय हो पाएगा कि उन्हें पाकिस्तान के बाजारों में निवेश करना कितना फायदेमंद होगा। खासकर भारतीय उद्योगपतियों की सबसे ज्यादा रहेगी।
इमरान का भाषण तय करेगा काफी कुछ
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पाकिस्तान आर्थिक हालत काफी दयनीय है। कोर्इ भी विदेशी निवेश करने को तैयार नहीं है। कुछ चीनी कंपनियों का सहारा पाक को मिल जाता है। वर्ना आतंकवाद आैर पाॅलिटिकल स्ट्रैटीजी इतनी खराब है कि कोर्इ निवेश करने के बारे में नहीं सोच सकता है। यहां तक पाक के पड़ोसी देशों के साथ संबंध भी अच्छे नहीं रहे। एेसे में पाकिस्तान के नए वजीरे आजम बनने जा रहे इमरान खान के शपथ के बाद होने वाला भाषण काफी कुुछ तय करेगा। उसी भाषण से भारत समेत दुनियाभर के उद्योगपति तय करेंगे कि उन्हें वहां पर निवेश करना है या नहीं?
पाक को निवेश की जरुरत
जिस दिन इमरान की पार्टी को पाक आवाम ने चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनाया था तब भी उन्होंने पाक की अर्थव्यवस्था पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि वो देश की इकोनाॅमी को आगे लेकर जाएंगे। साथ ही उन्होंने दुनियाभर में सभी देशों के साथ कारोबारी रिश्तों को मजबूत करेंगे। वहीं उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का काम करेंगे। एेसे में भारत आैर दुनियाभर के उद्योगपति भी इसी इंतजार में हैं कि आखिर पीएम बनने के इमरान का रुख इस आेर क्या रहता है।
पाक बाजार में इन उद्योगपतियों की है नजर
वैसे पाक बाजारों में दुनियाभर के कर्इ उद्योगपतियों की नजर है। पहले बात भारतीय उद्योगपतियों की बात करें तो उसमें महिंद्रा ग्रुप का पाकिस्तान से पुराना नाता रहा है। आजादी से पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा का नाम महिंद्रा एंड मोहम्मद था। एेसे में महिंद्रा भी पाकिस्तान में निवेश कर सकते हैं। वहीं रिलायंस, टीसीएस, आैर भी कर्इ उद्योगपति पाक में निवेश करने का मन बना सकते हैं। वहीं विदेशी कंपनियों की बात करें तो जिस तरह से वाॅलमार्ट ने भारत ने पैर जमाए हैं, उसी तरह से अलीबाबा काे पछाड़ने के लिए वाॅलमार्ट पाकिस्तान में निवेश करने को आतुर हैं। इसके अमेजन, मित्तल, माइक्रोसाॅफ्ट कर्इ कंपनियों की नजर पाक बाजारों पर है। अब देखने वाली बात होगी कि पाक के होने वाले वजीरें आजम किस तरह का भाषण देते हैं।
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