मालदीव ने खत्म किया चीन के साथ समझौता
मालदीव में सत्तारूढ पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक छोटे देश को दुनिया की दूसरी बड़े अर्थव्यवस्था वाले देश के साथ इस प्रकार के समझौते पर हस्ताक्षर करना बहुत बड़ी गलती थी। साथ ही उनका यह भी कहा कि चीन और मालदीव में व्यापार असंतुलन काफी ज्यादा है। चीन हमसे कुछ भी नहीं खरीदता है, ये समझौता पूरी तरीके से एकतरफा है। आपकों बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मालदीव में नई सरकार का गठन हुआ है। सत्ता संभालते हुए ही नए राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा कि देश की आर्थिक स्थिति चीन की कर्ज में डूबी हुई थी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने देश के खजाने को लूटने का काम किया है। ऐसे में इसको खत्म करना ही सहीं होगा।
चीन ने दी ये प्रतिक्रिया
मालदीव के सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अगस्त के बीच मालदीव ने चीन से 34.2 करोड़ डॉलर का आयात किया है। जबकि महज 2 लाख 65 हजार डॉलर का निर्यात किया है। जो दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को दर्शाता है। अगर भारत के साथ व्यापार की बात करें तो इस अवधि के दौरान मालदीव ने 19.4 करोड़ डॉलर का आयात किया, जबकि 18 लाख डॉलर का निर्यात किया। मालदीव के इस फैसले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है कि हम दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि मालदीव की पिछली अब्दुल्ला यामीन सरकार ने चीन के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किया था।