प्राॅपर्टी खाली करने से माल्या परिवार ने किया इन्कार
विजय माल्या, उसकी मां ललिता माल्या आैर बेटे सिद्धार्थ माल्या के खिलाफ इस केस की सुनवार्इ 24 अक्टूबर को हार्इकोर्ट में होगी। रोज कैपिटल वेंचर्स लिमिटेड के खिलाफ भी इस केस की सुनवार्इ होगी जिसने यूबीएस से इस प्राॅपर्टी के बदले 2.04 करोड़ पाउंड (195 करोड़ रुपया) का कर्ज लिया था। बता दें कि इस कंपनी का शेयर ग्लाडको के पास है आैर इसका मालिकाना हक माल्या परिवार को सिलेता ट्रस्ट के पास है। यूबीएस ने कहा है कि लोन की समयसीमा पूरा होने के बाद भी लोन नहीं चुकाया गया है। हमने प्राॅपर्टी को खाली करने के लिए कहा है लेकिन माल्या परिवार ने इससे बाहर जाने से इन्कार कर दिया है।
198 करोड़ रुपए का है बकाया
गौरतलब है कि इस प्राॅपर्टी को रोज कैपिटल ने 3 अक्टूबर 2005 को 52 करोड़ रुपए में खरीदा था जिसका फ्रीहोल्ड अधिकार क्राउन एस्टेट के पास है। बैंक ने कोर्ट से अपील किया है कि इस प्राॅपर्टी को खाली कराया जाए आैर बकाया राशि को भी चुकाया जाए। बैंक के दावे के अनुसान 1 सितंबर 2017 तक 198 करोड़ बकाया है। बैंक के मुताबिक, उसने 9 जून 2016 में ही लोन को रद्द कर दिया था। लोन वापसी न होने के बाद बैंक ने बकाया वसूलने आैर प्राॅपर्टी पर कब्जा करने के लिए कार्रवार्इ शुरू कर दी थी।