फेक या प्रोमोशनल कॉल्स और मैसेज को कम करने के लिए ट्राई ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस-2018 भी जारी किया है। इस रेगुलेशन के तहत सभी कमर्शियल प्रमोटर्स और टेली मार्केटर्स को डीएलटी प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करने और कस्टमर्स को उनकी पसंद के समय और दिन पर ही मैसेज करने की अनुमति देता है। ग्राहकों को कॉल या मैसेज करने के लिए ग्राहकों से ही मंजूरी मिलना अनवार्य होगा। इसके साथ ही मैसेज भेजने का फॉर्मेट भी तैयार किया जाएगा। आपको बता दें, अभी तक करीब 2.5 लाख एंटिटीज ने डीएलटी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है।
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ट्राई कई रेगुलेटर्स के साथ मिलकर यूटीएम से भी यूसीसी की जांच के लिए जरूरी कदम उठा रहा है। इस प्रोसेस में यूसीसी डिटेक्ट सिस्टम का कार्यान्वयन, डिजिटल सहमति अधिग्रहण का प्रावधान, हेडर और मैसेज टेम्प्लेटकी इंटेलिजेंट स्क्रबिंग, एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और एमएल (मशीन लैंग्वेज) आदि का उपयोग किया जा रहा है। ट्राई ने रेगुलेटर्स की एक जॉइंट कमेटी बनाई है,जिसमें आरबीआई, सेबी, उपभोक्ता मामले विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। आपको बता दें, 10 नवंबर को कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें दूरसंचार विभाग (DoT) और गृह मंत्रालय (MHA) के अधिकारी भी शामिल थे।