वेब फॉर इंस्टाग्राम प्लस डीएम, ब्लू मैसेंजर, ईमोजी की-बोर्ड और ग्रीन मैसेंजर जैसे इनके चार एक्सटेंशन दुर्भावनापूर्ण रहे हैं। ये छिपे हुए कंप्यूटर कोड से लैस रहे हैं, जो स्पाईवेयर की तरह से काम करता है। लोग जब अपने ब्राउजर्स पर इन एक्सटेंशंस को इंस्टॉल करेंगे, तो वे छिपे हुए कोड को इंस्टॉल कर रहे होंगे, जिन्हें यूजर्स के फेसबुक वेबसाइट से जानकारियों को स्क्रैप करने के लिए डिजाइन किया गया है।
साथ ही इनके द्वारा उन ब्राउजर्स से भी आंकड़े ले लिए जाएंगे, जो फेसबुक से संबंधित नहीं है और यह सब कुछ यूजर्स की जानकारी के बगैर होगा। रोमेरो ने कहा कि इन जानकारियों में यूजर्स के नाम, उनकी आईडी, रिलेशनशिप स्टेटस, आयु सहित और भी कई जानकारियां होंगी। रोमेरो आखिर में कहती हैं, हम अभियुक्तों पर स्थायी निषेधाज्ञा जारी करने की मांग कर रहे हैं और चाह रहे हैं कि वे अपने पास से फेसबुक के सभी डेटा को डिलीट कर दें।
बता दें कि इन दिनों फेसबुक के स्वामित्व वाली इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सप इन दिनों अपनी नई पॉलिसी को लेकर विरोध का सामना कर रही है। नई पॉलिसी के तहत यूजर्स का डाटा फेसबुक व उसके स्वामित्व वाली अन्य कंपनियों के साथ साझा किया जाएगा। इसी वजह से लाखों यूजर्स व्हाट्सएप छोड़कर दूसरी मैसेजिंग एप्स पर अपना अकाउंट बना रहे हैं। बता दें कि व्हाट्सएप ने साफ कहा है कि जो यूजर उनकी नई पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं करेंगे वे 8 फरवरी के बाद अपना व्हाट्सएप अकाउंट नहीं चला पाएंगे।