स्वदेशी ई—कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लि सरकार द्वारा बनाई गई संचालन कमेटी को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नाम से जाना जाएगा। इस कमेटी का काम एक ई-कॉमर्स कंपनी को लेकर एक पॉलिसी बनाना और उसे लागू कराना होगा। इसके साथ ही यह कमेटी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक पॉलिसी तैयार करना है। इस स्वदेशी ई—कॉमर्स कंपनी के आने से भारतीय बाजार में फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई—कॉमर्स कंपनियों की मोनोपॉली खत्म होगी।
ये लोग होंगे कमेटी में शामिल
स्वेदशी ई—कॉमर्स प्लेटफॉर्म डेवलेप करने के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसमें अध्यक्ष के तौर पर सीनियर DPIIT ऑफिसर को चुना गया है। इसके अलावा इस कमेटी में डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी मिनिस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ MSME और नीति आयोग के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
उपरोक्त प्रतिनिधियों के अलावा इस सरकारी कमेटी में क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई, NPCI टेक्नोलॉजी के सीईओ दिलीप अस्बे, NSDL टेक्नोलॉजी के सीईओ सुरेश सेठ भी शामिल होंगे। वहीं इंडस्ट्री इनपुट के लिए कैट (CAIT) के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा। बता दें कि कैट लंबे वक्त से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध करता रहा है। हाल ही कैट ने अमेजन पर 7 दिनों के प्रतिबंध की मांग भी की है।
बता दें कि फिलहाल भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट में Amazon और Fipkart की हिस्सेदारी ज्यादा है। हालांकि स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के आने से Amazon और Flipkart को जोरदार टक्कर मिल सकती है। साथ ही इंडियन मार्केट में इनकी मोनोपॉली भी खत्म होगी। इसके अलावा पीएम नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम और वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिलेगा।