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Balancing Hormone: अक्सर चिड़चिड़ापन और ऊर्जा में कमी हार्मोनल इम्बैलेंस का संकेत तो नहीं, जानिए यहां

Balancing Hormone: क्या आप चिड़चिड़ापन या बहुत ज़्यादा इमोशनल महसूस करते हैं? क्या आपको अक्सर ब्लोटिंग रहती है? ये सब आपके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के बढ़ने और गिरने से हो सकता है। इसकी वजह से आपकी एनर्जी लेवल , नींद के पैटर्न और स्वास्थ्य को प्रभावित हो सकती है। ऐसा आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है हार्मोनल इम्बैलेंस का महिलाओं के स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण असर पड़ सकता है जो उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यहां हार्मोनल इम्बैलेंस से जुड़ी कुछ समस्याएं और हेल्दी लाइफस्टाइल चेंजेज के बारे में जानकारी दी गयी है :

Jun 04, 2023 / 11:16 am

Namita Kalla

Balancing Hormones: Understanding the Consequences of Hormonal Imbalances in Women

Balancing Hormones in Women: हार्मोन हमारे शरीर में महत्वपूर्ण केमिकल हैं जो कई शारीरिक व मानसिक चीजों को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। हमारे हार्मोन तय करते हैं कि हम कैसा महसूस करते हैं, हमारा शरीर और हमारा इम्युनिटी सिस्टम कैसे काम करता है। कई बार बॉडी में हार्मोन इम्बैलेंस हो सकते हैं यह महिलाओं में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। इनमें पीसीओएस, थायराइड की समस्याएं और मेनोपॉज के दौरान चेंजेस शामिल हैं। जब हार्मोनल इम्बैलेंस होता हैं तब अनियमित पीरियड्स, मूड चेंजेज, वजन में बदलाव, मुंहासे, थकान और प्रेगनेंसी होने में समस्या जैसे फिजिकल प्रोब्लेम्स हो सकता है। हार्मोन इम्बैलेंस को समझने, मैनेज करने और स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर की सलाह महत्वपूर्ण है। इन प्रोब्लेम्स से निपटने के लिए डॉक्टर लाइफस्टाइल में बदलाव लाने, दवाएं लेने या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करना की सलाह देते हैं।


Common Effects of Hormonal Imbalances:

Menstrual Cycle:
हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण अनियमित पीरियड साइकिल हो सकते हैं, जिनमें भारी या लंबे समय तक पीरियड्स, मिस्ड पीरियड, का अनियमित ओव्यूलेशन शामिल हैं।

Mood Swings: हार्मोन लेवल्स में उतार-चढ़ाव मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन व स्ट्रेस का कारण बन सकता है। इमोशनल हेल्थ और स्लीप पैटर्न पर भी बुरा असर डाल सकता है।

Skin Problems: हार्मोनल इम्बैलेंस से मुंहासे (Acne) निकल सकते हैं। इस दौरान त्वचा ड्राई या ऑयली हो सकती है।

Weight Management: हार्मोनल इम्बैलेंस वजन बढ़ाने या वजन कम करने में कठिनाई का कारण बन सकता है। महिलाओं को पेट की चर्बी बढ़ने की शिकायत होने की संभावना है।

Bone Density: मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के लेवल में कमी के कारण हड्डियों , ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर से जुड़ी प्रोब्लेम्स जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। हार्मोनल असंतुलन कैल्शियम की कमी और हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

Prevention and Care: हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट, अच्छी नींद जैसी लाइफस्टाइल चेंजेज से इन समस्याओं से आराम मिल सकता है। यदि सिम्पटम्स बने रहते हैं या ये परेशानियां आपकी क्वालिटी ऑफ़ लाइफ पर बुरा आसार डालती है तो हार्मोनल हेल्थ की बेहतरी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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