Cardiovascular Disease: कोरोनरी आर्टरी डिजीज , हार्ट अटैक्स और स्ट्रोक्स जैसी कई हार्ट डिजीज के लिए तंबाकू का उपयोग एक बड़े रिस्क का कारण है। स्मोकिंग के धुंए में मौजूद केमिकल्स ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं, और ब्लड क्लॉट्स को बढ़ावा देते हैं, जिससे हार्ट संबंधी स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचा सकता है।
Respiratory Problems: स्मोकिंग हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है, जिससे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और एम्फीसेमा जैसी पुरानी श्वसन स्थितियां होती हैं। इसके कारण लगातार खांसी, सांस की तकलीफ, घरघराहट होना और लंग्स की फंक्शनिंग पर बुरा असर पड़ता है। इन सब की वजह से फिजिकल एक्टिविटी और सांस लेने पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सेकंड हैंड स्मोकिंग भी हानिकारक है।
Risk of Cancer: यह बात हम सभी जानते हैं की तम्बाकू का उपयोग विभिन्न प्रकार के कैंसर का एक प्रमुख कारण है। यहां तक की तम्बाकू के पैकेट पर भी लिखा होता है की इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक है। सिगरेट पीने या तंबाकू चबाने से लंग्स, गले, मुंह, पैंक्रियास , ब्लैडर , किडनी और सर्वाइकल में कैंसर हो सकता हैं। यह कैंसर ना सिर्फ जीवन की गुणवत्ता पर बुरा असर डालता है बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।
Secondhand Smoke Effects: सेकेंडहैंड स्मोकिंग का मतलब है सिगरेट के धुएं में सांस लेना ( जब आप स्मोकिंग नहीं कर रहे हैं लेकिन आपके आस-पास लोग कर रहे हों ), उससे एक्सपोजर बड़ों और बच्चों दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। सेकेंड हैंड स्मोकिंग में सांस लेने से कई तरह के हेल्थ इशूज हो सकते हैं जिनमें रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन्स, अस्थमा , कानों में इन्फेक्शन्स मुख्य है।
Lung Function: स्मोकिंग से हमारे लंग्स की फंक्शनिंग बिलकुल कमजोर हो सकती है। ऐसा होने से लंग्स की क्षमता कम हो जाती है और रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन्स का खतरा बढ़ जाता है जिसका सीधा असर हमारी शारीरिक एनर्जी पर पड़ता है और फिजिकल एक्टिविटी सीमित हो सकती है।
Skin Damage: तंबाकू के धुएं में कई हानिकारक केमिकल्स होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचा कर उसे डेमेज कर सकते हैं। इससे झुर्रियां, ढीली त्वचा, असमान स्किन टोन, और एक डल कॉम्प्लेक्शन हो सकता है।
Dental Problems: तंबाकू का उपयोग करना, फिर चाहे वो उसे खाना हो या सिगरेट पीना हो, हमारे दांतों और ओरल हेल्थ के लिए तकलीफदेय है। गुटखा, जर्दा खाना और स्मोकिंग करने से मसूड़े से जुड़े बीमारियां होने के साथ दांतों का सड़ना और टूटना, सांस में बदबू जैसी तकलीफें हो सकती है। यही तकलीफें आगे जा कर दांतों में दर्द, खाने में परेशानी और ओरल कैंसर को जन्म दे सकती है।