होमगार्डस जवानों को गृह विभाग से ड्यूटी के भुगतान में विलम्ब होता था। जिसके कारण उन्हें अपने जीविकोपार्जन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब उनकों समय से ड्यूटी भत्ते का भुगतान हो सकेगा। इससे उनको भागदौड़ नहीं करनी पडेगी। उनकों समय से भुगतान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया था कि इन जवानों को ड्यूटी एवं वेतन के लिए गृह विभाग पर निर्भर रहने से उनके सामने समय-समय पर असहज स्थिति आती रहती है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने बजट को गृह विभाग से अलग करते हुए होमगार्डस विभाग को दे दिया है।
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यूपी: 52 पीसीएस अफसर किए गए इधर से उधर, गोरखपुर, प्रयागराज, लखनऊ को नए SDM हर फोर्स में बढ़ेगी होमगार्ड की भागीदारी होमगार्ड्स अभी तक कानून व्यवस्था की ड्यूटी तक सीमित हैं। जबकि उन्हें आपदा प्रबंधन का भी प्रशिक्षण दिया गया है। मंत्री ने बताया कि ऐसी योजना बन रही है कि होमगार्डों की भागीदारी पुलिस के साथ ही अन्य फोर्स में भी बढ़े। एसडीआरएफ और स्पेशल फोर्सेज के साथ भी इनको लगाने पर विचार किया जा रहा है।
धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत आजीवन कारावास से निरूद्ध कैदियों से संबधित नियमावली में परिवर्तन किया गया है। पहले आजीवन कारावास के तहत 16 या 20 साल की सजा पूरी कर लेने के बाद भी कैदियों को 60 वर्ष की आयु सीमा तक जेल में रहना पड़ता था। अब इसमें बदलाव करते हुए 60 साल की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। अब कोई भी कैदी अपनी 16 से 20 साल की सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा हो सकेगा। उन्होने बताया कि इससे कैदियों की मनोदशा में सकारात्मक बदलाव आया है।