किसान दौड़ते भागते खेत तक पहुंचे और पानी रोकने का प्रयास किया, लेकिन तब तक सब बर्बाद हो चुका था। खेत में बहा पानी काश्तकारों की आंखों में छलछला आया। माइनर टूटने की सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी माइनर की मरम्मत की बजाय जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे।
मौके पर विभाग के अधिकारियों के नहीं पहुंचते देख किसानों ने अपने स्तर पर ही माइनर की मरम्मत की जिस कारण लोगों में काफी आक्रोश बना रहा। नहीं नजर आ रहे अफसर
उपखंड क्षेत्र में कई हजारों बीघा फसल नहर के पानी के द्वारा सिंचाई पर आधारित है वही आए दिन माइनर टूटने का सिलसिला लगातार जारी है। किसानों की आलू सरसों गेहूं आदि की फसल माइनरों के पानी से जलमग्न हो चुकी है।
खराबा बढता जा रहा है। लगातार घटनाओं के बावजूद सिंचाई विभाग की नींद नहीं टूट रही। माइनरों पर न तो कर्मचारी कॉम्बिंग कर रहे हैं और ना ही अधिकारी रेगुलेशन करते नजर आ रहे हैं। जिसका खामियाजा माइनर टूटने से हर रोज किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
इनकी डूबी फसल
माइनर टूटने के बाद नारायण, राधेश्याम, दीवान, केदार, रणवीर, मुरारी एवं अन्य किसानों की सरसों गेहूं आलू आदि की फसल जलमग्न हो गई।