पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली का कहना है कि यूपी में मुस्लिम, दलित व पिछड़ों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। समाज के इन तबकों के संवैधानिक अधिकार को उन्होंने खतरे में बताते हुए कहा है कि मुसलमानों को संघ परिवार बांटने की साजिश में जुटा हुआ है। बिहार चुनाव में एआईएमआईएम की जीत का जिक्र करते हुए शौकत अली कहते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मुसलमानों में राजनीतिक चेतना वापस लौटी है। वो अपनी ताकअ और हक हुकूक समझते हैं। मुसलमान फिर से लामबंद हो रहा है, जिसका असर यूपी में आने वाले पंचायत व विधानसभा चुनावों में साफ देखने को मिलेगा।
लखनऊ में हुई बैठक में पार्टी का विस्तार करने का फैसला लिया गया। साथ ही मुसलमानों, दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिये पदेश स्तर का अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया। बताते चलें कि ओवैसी की पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश पर काफी समय से है। हालांकि इसके पहले उनकी पार्टी को यूपी में कोई खास रिस्पांस नहीं मिल सका है, लेकिन मुहाराष्ट्र के बाद अब बिहार में पार्टी की जीत से ओवैसी की ओवैसी को यूपी में भी राह आसन होती दिख रही है।
गठबंधन के लिये दरवाजे खुले
यूपी के विधानसभा चुनावों पर नजर गड़ाए एआईएमआईएम ने गठबंधन को लेकर अपने दरवाजे खुले रखे हैं। बिहार में भी ओवैसी की पार्टी छोटे दलों के साथ अलायंस में थी, यूपी की बहुजन समाज पार्टी भी उनके अलायंस का हिस्सा थी। उसी तर्ज पर पार्टी यूपी में भी संभावना देख रही है। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा है कि उनकी पार्टी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और संघ परिवार के खिलाफ प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत विकल्प की समर्थक रही है।