ये भी पढ़ें- खेत में जेसीबी से हो रही थी खुदाई, तभी निकलीं ऐसी चीजें कि आनन-फानन में बुलानी पड़ गई पुलिस जब-जब हुईं पीएम मोदी की जनसभाएं छात्रों-नौजवानों की जान पर बन आई-प्रधानमंत्री जी की सभाओं से पूर्व जो कुछ होता है वह जाहिर करता है कि सत्ता में बैठे लोगों का अहंकार कितना बढ़ गया है। सिर्फ इस आशंका में कि कहीं नौजवान छात्र-छात्रायें काला झंडा न दिखा दें इसके लिए न केवल उनकी गिरफ्तारी की जाती बल्कि जेलों में भी यातनाएं दी जाती है। किसान भी अब मार से नहीं बच रहे हैं। उनको प्रताड़ित किया जा रहा है। लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार विपक्ष का है। लेकिन जब-जब भी प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी की सार्वजनिक सभाएं होती हैं तो छात्रों-नौजवानों की जान पर बन आती है। छात्राओं तक को बख्शा नहीं जाता है। यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है।
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने पहली बार गेस्ट हाउस कांड का जिक्र कर अखिलेश-मायावती पर साधा निशाना, दिया बड़ा बयान देश ने नया प्रधानमंत्री चुनने का मन बना लिया है- जनता में भाजपा के झूठ और फरेब से इतना आक्रोश है कि अब सभी ने सन् 2019 में नया प्रधानमंत्री चुनने का मन बना लिया है। जनता के इस निर्णय को देखते हुए समाजवादी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ भाजपा को अपने काले कारनामों के लिए जवाबदेह बनाएंगे। जनता को बरगलाने, भटकाने और बहकाने में अब भाजपा किसी भी तरह सफल नहीं हो सकेगी। गठबंधन की आहट होते ही प्रधानमंत्री जी की बौखलाहट और भविष्य को लेकर घबराहट उनके हावभाव में झलकने लगी है। अब प्रधानमंत्री जी अपनी सभाओं में चाहे जितना लम्बा भाषण दें, लुभावने वादे करें, जनता उन पर विश्वास करने वाली नहीं है।