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लखनऊ

पर्यावरणविद शमशेर सिंह बिष्ट के निधन पर अखिलेश यादव ने जताया गहरा शोक

डॉ0 शमशेर सिंह बिष्ट ने छात्र-युवा आंदोलनों में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी।
 

लखनऊSep 22, 2018 / 09:30 pm

Ashish Pandey

akhilesh

पर्यावरणविद शमशेर सिंह बिष्ट के निधन पर अखिलेश यादव ने जताया गहरा शोक

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तराखण्ड के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरणविद डॉ0 शमशेर सिंह बिष्ट के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। उन्होंने डॉ0 बिष्ट के निधन को एक अपूरणीय क्षति बताया है।
डॉ0 शमशेर सिंह जनपद अल्मोड़ा के निवासी थे, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण उत्तराखण्ड था। पर्वतीय क्षेत्र की जनसमस्याओं के अध्ययन के लिए उन्होंने हिमालय क्षेत्र की अनेक यात्राएं की थी। अस्कोट-अराकोट अभियान में वे सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रो0 शेखर पाठक के सहयात्री थे। प्रो0 पाठक ‘पहाड़’ पत्रिका के सम्पादक हैं। डॉ0 शमशेर सिंह बिष्ट ने छात्र-युवा आंदोलनों में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी। वह सन् 1972 में अल्मोड़ा में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी थे। तीन वर्ष पूर्व, समाजवादी सरकार के समय रामगढ़ (नैनीताल) में महादेवी वर्मा सृजन पीठ के सभागार में ‘मौसम में बदलाव और पर्यावरण’ पर एक संगोष्ठी हुई थी। इसमें डॉ0 शमशेर सिंह बिष्ट ने व्याख्यान दिया था। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, उत्तराखण्ड के जाने माने लेखक बटरोही, आशीष यादव, राजीव लोचन शाह, आशुतोष सिंह ने भाग लिया था। इस संगोष्ठी का आयोजन ‘शुक्रवार’ पत्रिका के सम्पादक अंबरीष कुमार ने किया था। स्मरणीय है, महादेवी वर्मा सृजन पीठ की स्थापना सुविख्यात कवियत्री महादेवी वर्मा ने किया था और यह स्थल उनका ग्रीष्मकालीन आवास हुआ करता था।
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मोहन सिंह को सपाइयों ने दी श्रद्धांजलि
लखनऊ. यूपी के देवरिया से पूर्व लोकसभा और राज्य सभा सांसद मोहन सिंह की पुण्यतिथि पर शनिवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी, एम.एल.सी. एसआरएस यादव एवं अरविन्द कुमार सिंह, मोहन सिंह के परिवारीजन, पूर्व विधायक इरशाद खां, प्रदेश कोषाध्यक्ष राजकुमार मिश्रा तथा एडवोकेट अतुल यादव (ऋ षिकेश) आदि उपस्थित थे।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि डॉ0 लोहिया से लेकर अखिलेश यादव तक समाजवादी आंदोलन में मोहन सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे आजीवन समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए संघर्षरत रहे। मोहन सिंह को सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान भी मिला था। उत्तर प्रदेश में मंत्री भी रहे। वह जनपद देवरिया के बरहज विधानसभा क्षेत्र से 1977 में सर्वप्रथम विधायक निर्वाचित हुए थे। मोहन सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष भी थे। वह छात्र-युवा आन्दोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। उन्होंने 1975-76 के आपातकाल में जेल यातना भी झेली थी। मोहन सिंह ने अनेक पुस्तकें भी लिखीं।
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