scriptअखिलेश यादव होते इसके सदस्य तो क्या बच जाता उनका सरकारी आवास? | Akhilesh Yadav over how people said he can save his Sarkari Awas | Patrika News
लखनऊ

अखिलेश यादव होते इसके सदस्य तो क्या बच जाता उनका सरकारी आवास?

सरकारी आवास छोड़ने के बाद बंगले में हुए तोड़फोड़ के लिए चौतरफा वार झेल रहे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोधियों को करारा जवाब दिया है।

लखनऊJun 13, 2018 / 06:58 pm

Abhishek Gupta

Akhilesh Yadav

Akhilesh

लखनऊ. सरकारी आवास छोड़ने के बाद बंगले में हुए तोड़फोड़ के लिए चौतरफा वार झेल रहे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोधियों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने सरकार से अपना सामान वापस मांगा है। वहीं एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि सरकारी आवास बचाने के लिए कई लोगों ने क्या रास्ते बताए थे।
एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने राज्य की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों पर सफाई देते हुए कहै कि मीडिया में वही तस्वीरें आईं, जो सरकार दिखाना चाह रही थी। हमारा सरकारी आवास बड़ा जरूर दिखता था, लेकिन ज्यादा बड़ा है नहीं। अखिलेश यादव ने आगे कि पूजा घर बनवाने में हमने अपना काफी पैसा लगवाया थी। मेरा जो भी सामान बिना तोड़-फोड़ के निकल सकता था, वह मैंने निकाल लिया। अब बंगले में मलबा कैसे आ गया, यह देखा जाना चाहिए। आवास में जेनरेटर भी मेरा था, तो क्या सरकार के लिए इसे छोड़ जाऊं? टोटीं किसने निकाल लीं, सरकार हमें बता दों तो उतनी टोंटी भी लगवा दूंगा। लेकिन सबसे पहले सरकार मेरा सामान वापस करे।
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लोगों ने कहा सदन चले जाते तो बच जाता घर-

विधान परिषद चुनाव की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में मुझे कुछ लोगों ने कहा कि आप अगर सदन (विधान परिषद) चले जाते, तो आपका सरकारी आवास बच जाता। अखिलेश ने आगे कहा कि मुझे तो पता ही नहीं था कि सदन जाने से घर बच जाता है। पर, हम तो उस वक्त पॉलिटिकल निर्णय ले रहे थे। हमने बसपा को मौका दिया। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का 5 मई को विधान परिषद के सदस्य के तौर पर आखिरी दिन था। अखिलेश यादव ने वर्ष 2000 में कन्नौज से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। और यह 18 साल में पहली बार है कि जब अखिलेश किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। वह एक आम राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। वैसे सदन में दोबारा जाने से उनका सरकारी आवास बच जाता इसकी कोई गारंटी नहीं। क्योंकि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट का था जिसमें सभी पूर्व मुख्यंमत्रियों को सरकारी आवास खाली करने के निर्देश दिए गए थे, इसमें देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं, जिन्होंने सम्मानपूर्वक घर को छोड़ दिया था।
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हालांकि, इस मामले में जानकारों का कहना है कि अगर अखिलेश यूपी विधान मंडल के सदस्य होते तो इस हैसियत से यदि सरकार चाहती तो अखिलेश को यह आवास दे देती।
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