(Uttar Pradesh Assembly Election 2022) आज केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों की प्राथमिकता है गरीब तबके की जेब काटना और गरीब परिवारों की मूलभूत सुविधाएं छीन लेना। खाद्य पदार्थों की कीमतें लोगों की पहुंच से बाहर हैं। रसोईं गैस महंगी है। बिजली की दरें भी बढ़ी है जबकि बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। महंगाई चरम पर है। डबल इंजन सरकार के बावजूद बाजार पर नियंत्रण नहीं। गरीब को दो जून की रोटी भी मिलना दूभर है।
(Uttar Pradesh Assembly Election 2022) सीधी सी बात यह है कि प्रदेश में भाजपा सरकार को सिर्फ सत्ता की लालच है। चुनाव सिर पर हैं तो लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन की रस्म अदायगी होने लगी है जबकि हकीकत यह है कि भाजपा ने विकास के नाम पर सिर्फ समाज को बांटने का काम किया है। समाजवादी सरकार के कामों को अपना बताने के अलावा वह अपनी एक योजना नहीं गिना सकती है। (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) झूठे वादों और लुभावने भाषणों से अब जनता प्रभावित होने वाली नहीं है। वह सच जान गई है और यह भी उसने तय कर लिया है कि अब वह भाजपा के किसी झांसे में नहीं आएगी। वह भाजपा को हराएगी और समाजवादी पार्टी को सत्ता में बिठाएगी।