कहां हो गौरक्षकों! यहां हर दिन ‘कट’ रहे हैं दर्जनों गोवंश
उन्नाव जिले के नौबस्ता जगजीवन पुर थाना अचलगंज निवासी रामखेलावन ने बताया कि जरा सी चूक होने पर अन्ना जानवर पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं। इनसे फसल बचाने के लिये उन्होंने कटीले तार लगाए गए हैं। इन तारों से फसलों का बचाव तो हो रहा है, लेकिन अंदर घुसने के प्रयास में जानवर गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। यह उनके लिए कष्टदायक है, लेकिन मजबूरी में ऐसा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इन जानवरों पर लगाम लगाने के बजाय किसानों को ही तार मुक्त खेत रखने पर जोर देता है।बीच बाजार छुट्टा सांडों का आतंक, लड़ते-लड़ते दुकान में घुस गये
बुन्देलखण्ड के चित्रकूट जिले में लगभग 28 से 30 हजार अन्ना मवेशी हैं जो खेतों खलिहानों में विचरण करते हुए फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। अन्ना जानवरों को रखने के लिए जनपद में कई पशु आश्रय स्थल तो हैं, लेकिन उनमें जानवरों की संख्या अधिक है। इसलिये उनका पेट भरने के लिए चारा पानी की व्यवस्था करने में कठिनाई होती है। इसलिये ये जानवर खुला घूम रहे हैं। मौसम की बेरुखी और अन्ना जानवरों के आतंक के चलते फैजाबाद जिले में करीब 80 हजार हेक्टेअर में बुआई नहीं हो सकी है, जबकि यहां खरीफ फसल की बुआई हेतु करीब ढ़ाई लाख हेक्टेयर रकबा है।मानसून की बेरुखी ने तोड़ा 10 वर्षों का रिकॉर्ड, आसमान की ओर टकटकी लगाये किसान
उत्तर प्रदेश में सूखे की मारसूबे में सूखे की मार का असर दिखने लगा है। बीते वर्ष के मुकाबले अभी तक 10.38 लाख हेक्टेयर रकबे में कम बोआई हुई है। कई जिलों में तो मौसम की बेरुखी ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। किसान आसमान की ओर तक रहा है। बादल आते हैं और बिना बरसे ही चले जाते हैं। कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अभी तक 58.49 लाख हेक्टेयर रकबे में ही खरीफ फसलों की बुआई की जा सकी है, जबकि वर्ष 2017 में अब तक 68.87 हेक्टेयर रकबे की बुआई व रोपाई कर दी गई थी। कृषि विभाग 31 जुलाई के बाद फाइनल डाटा शेयर करेगा।
खेतों में जब चरने के लिये कुछ नहीं मिलता है तो अन्ना जानवर सड़कों पर आ जाते हैं, जिसके चलते आये दिन लोग सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में सड़क पर घूमते अन्ना जानवरों की तस्वीर ट्वीट करते हुए इस समस्या की ओर ध्यान दिलाया था। उन्होंने लिखा था- एक तरफ वाहन चालकों की अनियंत्रित स्पीड और दूसरी तरफ़ लावारिस पशुओं की समस्या सड़कों पर दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है। सरकार को जनता में जागरूकता और सुरक्षा-संरक्षा के उपायों के लिए सक्रिय भूमिका निभानी ही चाहिए। ये देशवासियों के जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण व ज़रूरी विषय है।