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लखनऊ

नौ महीने बाद अयोध्या में फिर शुरू होगा पत्थर तराशी का काम, होली के बाद आएंगे कारीगर-मजदूर

– होली के बाद शुरू हो सकता है राम मंदिर निर्माण के लिए कार्यशाला का काम- जून 2019 से बंद था राम मंदिर निर्माण की कार्यशाला का काम- राम मंदिर निर्माण कार्यशाला के प्रभारी अन्नू सोनपुरा पहुंचे अहमदाबाद

लखनऊFeb 25, 2020 / 05:08 pm

Hariom Dwivedi

Ayodhya Ram Mandir workshop

जल्द ही कार्यशाला की पत्थर कटिंग मशीन को भी चालू कर दिया जाएगा

सत्य प्रकाश
अयोध्या. होली के बाद राम मंदिर निर्माण की कार्यशाला में पत्थर तराशी का काम फिर से नौ महीने बाद फिर से शुरू हो जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से हरी झंडी मिलने के बाद राम मंदिर निर्माण कार्यशाला के प्रभारी अन्नू सोनपुरा अहमदाबाद पहुंच गये हैं। जहां वह राम मंदिर मॉडल के निर्माता चंद्रकांत सोनपुरा से मिलेंगे और कार्यशाला की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। अन्नू सोनपुरा ने बताया कि रामघाट स्थित कार्यशाला के लिए सौ से अधिक कारीगर लगाए जाने हैं। वहीं, पत्थरों की सफाई के लिए एक्सपर्ट महिलाएं लाई जाएंगी। होली के बाद कारीगर और मजदूर अयोध्या पहुंचेंगे।
जानकारी देते हुए अन्नू सोनपुरा ने बताया कि रामघाट स्थित कार्यशाला के लिए सौ से अधिक कारीगरों को लगाए जाने हैं। यह सभी राजस्थान और गुजरात से होंगे। पत्थरों की सफाई के लिए 25 एक्सपर्ट महिलाएं लाई जाएंगी। अयोध्या में दो स्थानों पर कटर मशीन लगी हुई हैं जिनको चालू करने के लिए मैकेनिक को बुलाया गया है। इन मशीनों की साफ-सफाई व ग्रीसिंग के बाद काम शुरू होगा। जल्द ही कार्यशाला की पत्थर कटिंग मशीन को भी चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में फिलहाल एक ही कार्यशाला खोली जानी है, जिसमें लगी मशीनों को चालू कराया जाएगा।
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विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के माध्यम से 1989 में कार्यशाला प्रारम्भ हुई थी। कार्यशाला में उतर प्रदेश के मिर्जापुर, राजस्थान के भरतपुर और गुजरात के अहमदाबाद से सैकड़ों कारीगरों ने पत्थरों की तरासी की। 29 वर्ष में लगभग 65 प्रतिशत कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि अब मंदिर निर्माण के लिए कार्यशाला नवगठित ट्रस्ट की देखरेख में शुरू की जाएगी। आने वाले दिनों में पहले से चल रहीं चार कार्यशालाओं को फिर से खोला जा सकता है। शरद शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से पूर्व में राजस्थान में चार कार्यशालाएं ठेके पर दी गई थीं। मकराना की कार्यशाला में गेट के मॉडल को बनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कार्य किया। इसके साथ तीन और कार्यशाला थीं, जहां पर ठेके पर कार्य किया गया। आने वाले दिनों में कार्य शुरू हुआ तो उन कार्यशालाओं को फिर से खोला जा सकता है।

जून 2019 से नहीं हो रहा था कार्यशाला में काम
विश्व हिंदू परिषद के शरद शर्मा ने बताया कि राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला में जून 2019 से ही कार्य रोक दिया गया था, लेकिन सितंबर में मुख्य कारीगर के निधन के बाद सभी कारीगर छुट्टी पर चले गए। इसके बाद लगातार सुनवाई और फैसले की घड़ी नजदीक होने के कारण कार्यशाला में काम रोक दिया गया था।

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