लखनऊ

दिग्गज कांग्रेसियों को नहीं भा रही प्रियंका की नई टीम, विपक्ष के अलावा ‘अपने’ ही खड़ी कर रहे चुनौती

उत्तर में आसान नहीं है कांग्रेस की राह, प्रियंका गांधी के सामने विपक्ष के अलावा ‘अपनों’ की कड़ी चुनौती

लखनऊNov 28, 2019 / 02:41 pm

Hariom Dwivedi

दिग्गज कांग्रेसियों को नहीं भा रही प्रियंका की नई टीम, विपक्ष के अलावा ‘अपने’ ही खड़ी कर रही चुनौती

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राह आसान नहीं है। मजबूत विपक्षी दलों के अलावा पार्टी के सामने अपनों की सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी लगातार प्रयास कर रही हैं कि किसी तरह यूपी में कांग्रेस मजबूत हो, लेकिन अपने ही एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं। सूबे में पार्टी दो खेमों में बटी नजर आती है। एक तरफ पुराने दिग्गज कांग्रेसी नेता हैं, जो प्रियंका गांधी की नई टीम के साथ एडजस्ट करने को तैयार नहीं हैं। बढ़ती गुटबाजी को देखते हुए पूर्व गृहमंत्री रामकृष्ण द्विवेदी और पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी समेत 10 नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। निष्कासन के बावजूद पार्टी में बगावती तेवर थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
पार्टी से निष्कासित सभी नेताओं ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है कि सिनेमा का टिकट ब्लैक करने वाला हमारा अध्यक्ष है। नाराज कांग्रेसी दिसंबर के अंत में मंथन कार्यक्रम चलाएंगे। तैयारी समिति की बैठक 30 नवंबर को होगी। निष्कासित सभी नेताओं ने कार्रवाई को गलत बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि एआईसीसी (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) सदस्यों को केंद्रीय अनुशासन समिति ही निष्कासित कर सकती है। कहा कि प्रियंका गांधी हमारी नेता हैं, लेकिन एआइसीसी के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई पर सहमति देने का अधिकार उनके पास नहीं है।
प्रियंका सक्रिय, लेकिन कांग्रेसी नहीं
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता की दहलीज पर तक पहुंचाने के लिए प्रियंका गांधी हर संभव प्रयास कर रही हैं। प्रियंका गांधी की वजह से यूपी की योगी सरकार को एक नहीं कई बार सक्रिय होना पड़ा। चाहे वह सोनभद्र का मामला रहा हो या फिर चिन्मयानंद केस, उन्नाव के कुलदीप सिंह सेंगर और बिजली विभाग में बिजली दरों की वृद्धि या पीएफ घोटाला सभी पर सरकार की नाक में दम कर दिया था। विश्लेषकों का यह भी कहना है कि यूपी में जितनी मेहनत प्रियंका गांधी कर रही हैं, उतनी मेहनत अगर कांग्रेसी नेता कर लें तो यूपी में कांग्रेस को मजबूत होने से कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन, समस्या यह है कि प्रियंका गांधी जब आती हैं तो पीसीसी दफ्तर कांग्रेसियों से भरा रहता है, लेकिन जैसे ही वह वापस जाती हैं, फिर सन्नाटा पसर जाता है।
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इन्हें किया निष्कासित
पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व गृहमंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, एआइसीसी सदस्य राजेन्द्र सिंह सोलंकी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, पूर्व विधायक नेकचन्द्र पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस स्वयं प्रकाश गोस्वामी और पूर्व जिलाध्यक्ष गोरखपुर संजीव सिंह।
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