तय कृषि ऋण लक्ष्य से अधिक खर्च कर रही है सरकार सरकार बैंकिंग क्षेत्र के लिए फसल ऋण लक्ष्य सहित वार्षिक कृषि ऋण निर्धारित करती है। पिछले कुछ वर्षों में कृषि ऋण प्रवाह में लगातार वृद्धि हुई है। बजट 2017-18 में किसानों को 11.68 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया। जबकि इस वर्ष 10 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य ही निर्धारित था। वर्ष 2016-17 में 9 लाख करोड़ रुपए के ऋण लक्ष्य की व्यवस्था की गई थी पर 10.66 लाख करोड़ रुपए के फसल ऋण वितरित किए गए थे।
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किसानों की आमदनी बढ़ाने में कृषि ऋण मददगार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि ऋण एक महत्वपूर्ण निवेश है। यूपी के किसान किसी अन्य स्रोत से अगर कृषि ऋण लेते हैं तो उन्हें भारी ब्याज देना पड़ता है। आमतौर पर, कृषि ऋण पर 9 प्रतिशत की ब्याज दर लगती है। हालांकि, सरकार सस्ती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए ब्याज सबवेंशन प्रदान करती है। यह भी पढ़ें
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किसानों को कम ब्याज पर सुलभ है कृषि ऋण सरकार किसानों को तीन लाख रुपए तक के अल्पकालिक कृषि ऋण को सात प्रतिशत प्रति वर्ष की प्रभावी दर से सुनिश्चित करने के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है। देय तिथि के भीतर ऋणों की शीघ्र अदायगी के लिए किसानों को तीन प्रतिशत का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाता है, जिससे प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत हो जाती है। ऐसे अगर सरकार कृषि ऋण लक्ष्य को और बढ़ाती है तो इससे किसानों को फायदा होगा। ज्यादा किसान लोन ले पाएंगे। बिना गिरवी कृषि ऋण की सीमा बढ़ी औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के कवरेज को बढ़ाने के लिए, आरबीआई ने बिना किसी चीज को गिरवी रखने वाले कृषि ऋण की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपए करने का निर्णय लिया है।