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लखनऊ

CBI कोर्ट ने पलटा अपना फैसला: जेल में डॉ सचान की मौत ‘आत्महत्या’ नहीं, गहरी साजिश थी’ बढ़ेंगी मायावती की मुश्किलें?

उत्तर प्रदेश में साल 2007 के दौरान मायावती सरकार में हुए सबसे बड़े घोटाले एनआरएचएम का जिन्न एक बार फिर से बाहर आ गया है। जिससे तत्कालीन मंत्री और उससे जुड़े अधिकारियों की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। इस घोटाले के आरोपी रहे पूर्व डिप्टी सीएम डॉ वाईएस सचान पर सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सीबीआई कोर्ट ने 27 सितंबर 2012 को सुनाए गए अपने ही फैसले को पलट दिया है।
 

लखनऊJul 12, 2022 / 05:24 pm

Dinesh Mishra

CBI on Dr Sachan Murder case reverse his order

CBI on Dr Sachan Murder case reverse his order

CBI Court on Dr Sachan Murder जिसमें डॉ वाईएस सचान की मौत की दोबारा सुनवाई करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने सबूतों के आधार पर ‘जेल में हुई आत्महत्या’ वाली मौत को हत्या और साजिश का मान लिया है। ऐसे में अब मायावती और केस से जुड़े तत्कालीन अधिकारियों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। वहीं मृतक आरोपी डॉ सचान की पत्नी और उनके परिवार वालों को अब थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं तत्कालीन अधिकारियों को सीबीआई कोर्ट ने सभी अधिकारियों को 8 अगस्त को पेश होने का आदेश जारी कर दिया है।

NRHM Scam में आरोपी थे डिप्टी सीएमओ डॉ सचान, जेल में अत्महत्या
साल 2007 से 2012 के बीच केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा चलाए गए हेल्थ मिशन में अरबों रु का फंड उत्तर प्रदेश को मिला था। जिसमें तत्कालीन मायावती सरकार में जमकर लूटा गया था। इसमें नेशनल हेल्थ मिशन के तहत हॉस्पिटल का निर्माण, गरीबों लिए मुफ्त देने वाली दवाइयों की खरीद, हर ब्लॉक पर एंबुलेंस की व्यवस्था समेत कई प्रकार से हजारों करोड़ रु का घोटाला किया गया था। इसी मामले में कई सीएमओ और डिप्टी सीएमओ समेत दर्जनों अधिकारियों पर जांच शुरू हुई थी। इसी में डिप्टी सीएमओ डॉ वाईएस सचान को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन लखनऊ जिला जेल में बंद होने के दौरान ही एक रस्सी से लटकती हुई उनकी लाश पाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि उन्होने आत्महत्या कर ली है।

पत्नी ने दी सीबीआई कोर्ट के आदेश को चुनौती
22 जून 2011 को डिप्टी सीएमओ वाईएस सचान की लखनऊ जेल में मौत हुई थी। उनकी मौत के मामले में 26 जून 2011 को लखनऊ के गोसाईगंज थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी। 11 जुलाई 2011 को न्यायिक जांच में मौत को हत्या बताया गया था, इसी के बाद 14 जुलाई को हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश जारी करते हुए जल्द से जल्द सुनवाई करते हुए फैसला करने को कहा गया था। इसके लगभग 10 महीने बाद ही 27 सितंबर 2012 को सीबीआई ने मौत को आत्महत्या बताया था। लेकिन डॉ. सचान की पत्नी ने सीबीआई की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए फिर से जांच और फैसले की मांग की थी। जिसके बाद 12 जुलाई 2022 को यानी 10 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने अपने ही फैसले को पलटते हुए इस गहरी साजिश के तहत हत्या मानकर फैसला सुना दिया है।
CBI Court on Dr Sachan Murder in Lucknow Jail

सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में लखनऊ जेल में तैनात अधिकारियों के साथ तत्कालीन पुलिस अधिकारियों को भी तलब किया है। अधिकारियों को आठ अगस्त को हाजिर होकर बयान दर्ज कराने होंगे।
तत्कालीन जेलकर्मी भी तलब
विशेष अदालत की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने घटना के वक्त जेल में तैनात जेलर बीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह, बंदी रक्षक बाबू राम दुबे और महेंद्र सिंह को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। इन्हें आरोपी बनाया गया है। इन्हें 8 अगस्त को मौजूद रहकर अपना बयान दर्ज करना होगा। साथ ही सीबीआई की विशेष अदालत इनसे इस मामले पर पूछताछ भी करेगी।

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