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Chaitra Navratri 2021: कोविड काल में नवरात्रि पूजा, देवी मां के दर्शन के लिए प्रदेश के सभी मंदिरों में हुए बड़े बदलाव

locationलखनऊPublished: Apr 18, 2021 10:03:20 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) शुरू हो चुके हैं। पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाने वाला यह त्योहार इस वर्ष कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया है।

Chaitra Navratri 2021: कोविड काल में नवरात्रि पूजा, देवी मां के दर्शन के लिए प्रदेश के सभी मंदिरों में हुए बड़े बदलाव

Chaitra Navratri 2021: कोविड काल में नवरात्रि पूजा, देवी मां के दर्शन के लिए प्रदेश के सभी मंदिरों में हुए बड़े बदलाव

लखनऊ. चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) शुरू हो चुके हैं। पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाने वाला यह त्योहार इस वर्ष कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया है। वायरस से लोग डरे हुए हैं। वहीं प्रदेश सरकार ने भी एक बार में पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी है। ऐसे में जहां नवरात्रि में मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती थीं, वहीं इस बार दर्शनार्थियों की संख्या काफी कम हो गई है। वायरस की दहशत के बीच कई मंदिरों में कर्फ्यू जैसे हालात हो गए हैं। भक्त अब घरों से ही देवी मां की पूजा अर्चना कर रहे हैं। वहीं मंदिरों में कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार दर्शन-पूजन का इंतजाम किया गया है। शासन प्रशासन के निर्देशों के अनुसार दर्शन पूजन का इंतजाम किया गया है।
घरों में पढ़ा जा रहा सप्तशी का पाठ

चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से घरों और मंदिरों में कलश स्थापना के साथ आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना शुरू हो गई। लेकिन कोरोना संक्रमण से इस बार विभिन्न मंदिरों में दर्शन करने वालों की संख्या समिति रह रही है। राजधानी लखनऊ में मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की आराधना के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने घरों में कलश के सामने विधि विधान से पूजा की। मेंहदीगंज स्थित मां शीतला देवी के मंदिर में आरती और श्रद्धालुओं ने दूर से दर्शन किए। मानस नगर निवासी चंद्र सिंह ने परिवार के साथ देवी मां की आरती की और वर्चुअल दर्शन से ही माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।
शीतला देवी मंदिर से आचार्य अनंद दुबे ने कहा कि घर में ही मां का आह्वान करने से सकारात्मक ऊर्जा का समावेश होता है। खुशहाली और समृिद्ध की कामना को लेकर नवरात्र में आप मां के स्वरूपों की पूजा करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां का स्कंदमाता स्वरूप बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। कोरोना काल में पूरे नौ दिन इसी तरह पूजा अर्चना होगी।
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मास्क नहीं तो दर्शन नहीं

Chaitra Navratri 2021: कोविड काल में नवरात्रि पूजा, देवी मां के दर्शन के लिए प्रदेश के सभी मंदिरों में हुए बड़े बदलाव
बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के कारण पर्यटन के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। गंगा आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंध है। घाट पर शाम चार बजे के बाद जाने की इजाजत नहीं है। बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, संकट मोचन और काल भैरव समेत सभी बड़े मंदिरों में दर्शन के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर रिपोर्ट (RTPCR Report) अनिवार्य कर दी गई है। बिना मास्क के देवी मां के दर्शन पर भी रोक है। बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में और मंगला आरती में भी श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित हो गया है।
कोरोना काल में भी शक्तिपीठ देवीपाटन पहुंच रहे श्रद्धालु

Chaitra Navratri 2021: कोविड काल में नवरात्रि पूजा, देवी मां के दर्शन के लिए प्रदेश के सभी मंदिरों में हुए बड़े बदलाव
उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले के मुख्यालय से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 51 शक्तिपीठों में शामिल शक्तिपीठ देवीपाटन में कोरोना काल मे भी भक्तों की आस्था साफ नजर आ रही है। यहां चैत्र नवरात्रि में लगने वाले एक माह के राजकीय मेला भी शुरू हो गया है। मेले में देश के अलग-अलग कोने से श्रद्धालु देवीपाटन पहुंचकर मां पाटेश्वरी के दर्शन करते हैं। इस वर्ष भी भक्तों का आना जाना लगा है लेकिन कोरोना के दूसरे फेज को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मंदिर से जुड़ी नगर तुलसीपुर के प्रवेश सीमा व मंदिर प्रवेश मार्ग हालांकि, श्रद्धालुओं का प्रसाद चढ़ाने पर रोक है। बिना मास्क के मंदिर में प्रवेश निषिद्ध है।
प्रसिद्ध शक्तिपीठ देवीकाली मंदिर में सिंदूर चढ़ावे पर रोक

अयोध्या के प्रमुख शक्तिपीठ छोटी देवकाली मंदिर पर बड़ी संख्या में देवी भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं लेकिन मंदिर प्रशासन ने इस दौरान प्रसाद चढ़ाए जाने के साथ चंदन, सिंदूर व चरणामृत रोक लगा दिया है।
प्रसाद का कारोबार हुआ ठप

इस बार के नवरात्र में देवी भक्तों के मंदिर से दूरी बनाए रखने और घरों में पूजा अर्चना करने के कारण फूल और प्रसाद का कारोबार चौपट हो गया है। फूल और प्रसाद के कारोबार से जुड़े कारोबारियों का चेहरा लटक गया है। कारण साफ है कि कोरोना के फैलते वायरस से दहशत में आए भक्तों के द्वारा देवी मंदिरों से बनाई दूरी के कारण फूल और प्रसाद का व्यवसाय लगभग ठप हो गया है। कारोबार को बनाए रखने के लिए कुछ दुकानदारों ने होम डिलीवरी देना शुरू कर दी है।

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