scriptRam Navmi : ‘राम से बड़ा है राम का नाम’, मंदिरों और घरों में जन्मे रामलला | Chant Ram Naam mantra on Ram Navami | Patrika News
लखनऊ

Ram Navmi : ‘राम से बड़ा है राम का नाम’, मंदिरों और घरों में जन्मे रामलला

Ram Navmi पर ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का नामजप अधिकाधिक और भावपूर्ण तरीके से करें

लखनऊApr 21, 2021 / 01:05 pm

Hariom Dwivedi

ayodhya.jpg
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. आज 21 अप्रैल को रामनवमी (Ram Navmi) है। मध्यान्ह में भगवान श्रीराम का जन्म हो चुका है। अयोध्या में इस बार भी कोरोना संक्रमण के चलते पाबंदियों के बीच भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया। लखनऊ सहित प्रदेश भर के मंदिरों में तो लोगों ने घरों में रामलला का जन्मोत्सव मनाया गया। कोविड 19 महामारी की वजह से कुछ पाबंदियां जरूर हैं, लेकिन आप घर पर ही श्रीराम का नाम जपकर साधना कर सकते हैं। हिंदू धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि नामजप कलियुग की सर्वश्रेष्ठ साधना है। इसलिए रामनवमी पर ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का नामजप अधिकाधिक और भावपूर्ण करने का प्रयत्न करें। घर के सदस्य घर में ही नामजप और रामरक्षा पठन कर सकते हैं। रामनवमी पर क्या करें, इस बारे में सनातन संस्था ने बाकायदा एक लेख संकलित किया है।
त्रेतायुग में श्रीविष्णु के सातवें अवतार श्रीराम जी ने पुष्य नक्षत्र पर, मध्याह्न काल में अयोध्या में जन्म लिया था। वह दिन था, चैत्र शुक्ल नवमी। तबसे श्रीराम के जन्मप्रीत्यर्थ श्रीरामनवमी मनाई जाती है। सामान्यतः श्रीरामनवमी का उत्सव विभिन्न स्थानों पर विविध प्रकार से मनाया जाता है। कहीं सार्वजनिक रूप में, कहीं व्यक्तिगत स्तर पर, तो कहीं पारिवारिक रूप में इसे मनाते हैं। प्रभु श्रीराम का जीवन हम सभी को हर स्थिति में कैसे रहना है, इसका संदेश देता है। धर्मकी सभी मर्यादाओं का पालन करनेवाला अर्थात ‘मर्यादा-पुरुषोत्तम, आदर्श पुत्र, आदर्श बंधु, आदर्श पति, आदर्श मित्र, आदर्श राजा, आदर्श शत्रु ऐसे सभी स्तर पर आदर्श रहे हैं, प्रभु श्रीराम! आज भी आदर्श राज्य को रामराज्य की ही उपमा देते हैं।
यह भी पढ़ें

श्री राम जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़, अयोध्या में नही हो सका प्रवेश



तिथि : चैत्र शुक्ल नवमी को ‘श्रीरामनवमी’ कहते हैं। श्रीराम के जन्म के उपलक्ष्य में श्रीरामनवमी मनाई जाती है।

इतिहास : इस दिन जब पुष्य नक्षत्रपर, माध्यान्हके समय, कर्क लग्न में सूर्यादि पांच ग्रह थे, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ।
आध्यात्मिक महत्त्व
किसी भी देवता एवं अवतारों की जयंतीपर उनका तत्त्व पृथ्वीपर अधिक मात्रामें कार्यरत होता है। श्रीरामनवमीको श्रीरामतत्त्व अन्य दिनोंकी अपेक्षा 1000 गुना कार्यरत होता है। श्रीराम नवमीपर ‘श्रीराम जय राम जय जय राम।’ नामजप एवं श्रीरामकी भावपूर्ण उपासनासे श्रीरामतत्व का अधिकाधिक लाभ होता है।
प्रभु श्रीराम का नामजप
श्रीरामके कुछ प्रचलित नामजप हैं। उनमें से ‘श्रीराम जय राम जय जय राम।’ यह त्रयोदशाक्षरी जप सबसे अधिक प्रचलित है। श्रीराम जय राम जयजय राम। इसमें ‘श्रीराम’ यह श्रीरामका आवाहन है। ‘जय राम’ यह स्तुतिवाचक है। ‘जय जय राम’ यह ‘नमः’ समान शरणागतिका दर्शक है। रामायण में ‘राम से बड़ा राम का नाम’ की कथा भी हम सबने सुनी है। सभी जानते हैं कि ‘श्रीराम’ शब्द लिखे पत्थर भी समुद्र पर तैर गए। उसीप्रकार श्रीराम का नामजप करने से हमारा जीवन भी इस भवसागर से निश्‍चित मुक्त होगा।

Home / Lucknow / Ram Navmi : ‘राम से बड़ा है राम का नाम’, मंदिरों और घरों में जन्मे रामलला

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो