उन्होंने कहा कि 25 से 29 अक्टूबर तक अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव तथा धनतेरस, छोटी व बड़ी दीपावली, गोवर्धन, भैय्या दूज के अलावा, छठ पूजा , चैदहकोसी, पंचकोसी एवं कार्तिक पूर्णिमा आदि त्योहार मनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धनतेरस पर बाजारों में काफी भीड़ होगी। अतः सभी बाजारों में फुट पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए। CCTV कैमरों को भी स्थापित किया जाए और बड़े व्यापारिक स्थलों पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं, ताकि लूटपाट की घटनाएं रोकी जा सकें। सभी जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकपुलिस अधीक्षक अपने-अपने जनपदों में बाजारों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें। उन्होंने जनपदों के सभी संवेदनशील स्थानों को पहले से चिन्ह्ति करने और आवश्यक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शान्ति व्यवस्था पर पूरा फोकस किया जाए तथा शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जाए। उन्होंने हर स्तर पर सुरक्षा प्रबन्ध चाक-चैबन्द रखने तथा असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगाह रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन, मण्डल, जनपद, तहसील तथा थाना स्तर के सभी अधिकारी इन त्योहारों को सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने के लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि पूजा स्थलों पर लगने वाले लक्ष्मी पूजा पण्डालों, रामलीला मंचन आदि के स्थानों के आस-पास साफ-सफाई और सुरक्षा के विशेष प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि इन त्योहारों की सुदृढ़ व्यवस्था के सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक द्वारा सभी जनपदीय पुलिस अधिकारियों एवं अन्य सम्बन्धित उच्चाधिकारियों को जो निर्देश पूर्व में भेजे गए हैं, उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि असामाजिक व अवांछनीय तत्वों के विरुद्ध कड़ी निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। शान्ति समितियों की बैठक कर सम्भ्रान्त नागरिकों व शान्ति समितियों के सदस्यों का सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के घाटों, सरोवरों आदि पर जल पुलिस, बाढ़ राहत पुलिस के साथ होमगाड्र्स, सिविल डिफेन्स के पदाधिकारियों व सदस्यों की सेवाएं प्राप्त की जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि संचार, अग्निशमन, चिकित्सीय व्यवस्थाओं के साथ-साथ बचाव एवं राहत टीमों का गठन भी सुनिश्चित किया जाए। अभिसूचना इकाइयों के अधिकारियों, कर्मचारियों को सतर्क करते हुए पर्याप्त फीडबैक लिया जाए।