सरकार के एजेंडे में अगला कदम बायोगैस संयंत्र स्थापित करना है। गाय के गोबर का उपयोग करके सीएनजी बनाना, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की दिशा में काम करना होगा। इसके लिए किसानों से गाय का गोबर खरीदा जाएगा। पीएम मोदी ने किसानों को एक ऐसी प्रणाली का वादा किया था जिसमे जब गायें दूध देना बंद कर देंगी (जो किसानों द्वारा छोड़े गए हैं) तो किसान गोबर के माध्यम से आय अर्जित करेंगे। यह इतना आकर्षक होगा कि लोग आवारा पशुओं को अपनाने के लिए आगे आयेंगे।
राज्य सरकार राजस्व रिकॉर्ड में चराई के लिए 65,000 हेक्टेयर भूमि की भी पहचान करेगी जो मवेशियों के चारा के लिए होगी। अधिकारियों ने कहा कि यह विचार आवारा मवेशियों की समस्या से इस तरह निपटने का था ताकि यह आत्मनिर्भर हो और वित्तीय रूप से लाभदायक भी हो।
पंचायती राज योजना में होगा शामिल
उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के निदेशक इंद्रमणि ने बतया कि वे शहरी विकास और पंचायती राज विभाग को भी इस कार्य में शामिल करेंगे। उन्होंने बताया कि, च्च्हमारा विचार है जहाँ अधिक से अधिक भूमि हो, वहाँ वनों की उपलब्धता हो। यदि आवश्यक हो तो हम जल स्रोतों को विकसित कर सकते हैं। साथ ही साथ बाड़ लगाने और चारे के भंडारण की व्यवस्था भी कर सकते हैं।