प्रदेश कांग्रेस कमिटी में तैनात 14 कर्मियों को रिटायर कर दिया गया। एआईसीसी के मुताबिक, कांग्रेस में सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल है। इसके अतिरिक्त 31 अगस्त को रिटायर किए गए ज्यादातर कर्मियों की आयु इससे कम थी। प्रदेश नेतृत्व ने रिटायरमेंट के साथ इन कर्मचारियों को बारह महीने के वेतन की धनराशि देने की बात कही है। कहा गया था कि छह महीने का वेतन रिटायरमेंट के साथ और छह महीने का वेतन आगे व्यवस्था होने पर दिया जाएगा, लेकिन रिटायरमेंट के एक हफ्ते बाद भी उन्हें कोई पैसा नहीं दिया गया। 14 कर्मियों को रिटायर करने के अगले ही दिन पीसीसी के दस ड्राइवरों (कैलाश यादव, संतोष गौड़, गयास मोहम्मद, महेंद्र शुक्ला, विष्णु अवतार, नरेंद्र यादव, छोटू कश्यप, वीरेंद्र बाजपेयी, कमल बाजपेयी और ओम प्रकाश) को एक महीने बाद छंटनी में बाहर करने की नोटिस थमा दी गई। इसके तुरंत बाद तीन कर्मियों स्थाई मंत्री राणा सिंह, बिजली कर्मी शिव शंकर और चतुर्थ श्रेणी कर्मी प्रमोद शुक्ला को बर्खास्तगी कर दी गई।
अखबार के मुताबिक, जुलाई से वेतन न मिलने के बाद इस कर्मचारियों के परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी का शिकार थे, लेकिन उधार लेकर किसी तरह बच्चों की परवरिश कर रहे थे, लेकिन नौकरी जाने के बाद अब कोई उन्हें उधार देने को भी तैयार नहीं है। प्रदेश नेतृत्व के दबाव में कोई नेता या कर्मचारी इस मुद्दे पर बोलने तक को तैयार नहीं है।