राज्य सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों के भरण-पोषण के लिए वित्त, श्रम और कृषि मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए मल्टीप्लेक्स, मॉल्स और सिनेमाघरों सहित साप्ताहिक बाजारों को भी बंद कर दिया गया है। इसका असर रोजमर्रा का काम करने वाले मजदूरों पर भी पड़ रहा है। वह रोजाना कमाकर ही अपने परिवार का पेट भरते हैं। ऐसे मजदूरों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों के भरण-पोषण के लिए वित्त, श्रम और कृषि मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। यह कमेटी तीन दिन के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के बाद आरटीजीएस के जरिये इन लोगों के खाते में कुछ धनराशि भेजी जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि रोजमर्रा का काम करने वाले गरीबों को दिए जाने वाली राशि और संख्या का अनुमान लगाने श्रम और कृषि मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद मजदूरों के खातों में रुपए डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी पूरी तरह से दिहाड़ी मजदूरी बन्द नहीं हुई हैं। लेकिन, सरकार इसके बैकअप की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में अगर कोरोनोवायरस से सब बन्द हो जाता है तब यह सारी डिटेल काम आएगी।