बता दें कि पहले हमीरपुर में यमुना में दर्जनों शव मिले फिर बलिया, गाजीपुर, उन्नाव के बाद यही नजारा चंदौली में भी देखने को मिला है। चंदौली के धानापुर थाना क्षेत्र के बड़ौरा गांव के पास नदी में शव मिले हैं। चंदौली जिले में धानापुर थाना इंचार्ज ने पुष्टि करते हुए बताया कि आधा दर्जन पांच से सात दिन पुराने शव गंगा नदी में मिले हैं। शवों के मिलने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें निकाल कर अंतिम संस्कार करवाया है। वहीं राजधानी लखनऊ से सटे जिले उन्नाव में गंगाघाट रौतापुर में बुधवार को अंतिम संस्कार के लिए आए 16 में से 13 शवों को दफना दिया गया। इन शवों को ग्रामीणों ने घाट के पास खाली पड़ी रेत में दफना दिया।
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मृतकों का क्रियाकर्म में आता है ज्यादा खर्जा
ग्रामीणों का कहना है कि मृतकों का क्रियाकर्म कराने के लिए कम से कम 8 से 10 हजार का खर्च आता है। जो इस समय उनके लिए बहुत बड़ी रकम है। इसलिए लोग शव को मिट्टी में ही दफनाने को मजबूर हैं। कुछ मामलों में तो कोरोना जांच की रिपोर्ट आने से पहले ही मौत हो जा रही है। अब अंतिम संस्कार के लिए रिपोर्ट का इंतजार तो किया नहीं जा सकता है।