यह है मामला 18 जुलाई को पटना से संचालित देह व्यापार गिरोह के चंगुल से भागकर भागकर भोजपुर पुलिस के पास पहुंची लड़की ने एक इंजीनियर और विधायक के आवास पर भेजे जाने का खुलासा किया था। लड़की के साथ पकड़ी गई संचालिका अनीता देवी ने भी इसे स्वीकार किया था। पीडि़ता का आरा कोर्ट में पहली बार बयान 20 जुलाई को दर्ज हुआ था। इसके बाद छह सितंबर को पीड़िता ने अपना बयान दोबारा दर्ज किया था। इसमें पीड़िता ने बताया था कि पटना स्थित विधायक अरुण यादव के आवास पर उसके साथ गंदा काम किया गया।
पीड़िता के साथ गंदा काम सबसे पहले लखनऊ में किया गया था। महज चार हजार रुपयों में पीड़िता का सौदा हुआ था। इसके लिए उसे लखनऊ के रहने वाले रिंकू नाम के युवक के आवास पर ले जाया गया था और वहीं गलत काम किया गया था। तब किशोरी के साथ उसे ले जाने वाली महिला के साथ भी गंदा काम किया गया था। बात बाहर न निकले इसके एवज मे किशोरी व महिला को चार-चार हजार रुपये दिए गए थे।
बयान के मुताबिक, पीड़ित महिला को आरा से लखनऊ निवासी रिंकू के घर लाया गया। वहां किशोरी व महिला के साथ गंदा काम किया गया। तीन दिन तक लखनऊ में रखे जाने के बाद महिला किशोरी को लेकर पहले पटना और फिर आरा पहुंची। इसके बाद किशोरी को आरा स्थित मनरेगा के इंजीनियर के आवास पर भेजा गया। इसके बाद उसे पटना के सचिवालय स्थित एक सरकारी फ्लैट पर भेजा गया। इसे विधायक का आवास बताया गया है। यहां दरवाजे के पीछे से महिला को अंदर लाया गया। इसी फ्लैट में भोजपुर के संदेश के विधायक अरुण यादव पर गंदा काम करने का आरोप किशोरी ने लगाया है। इसके बाद यह सिलसिला चलता ही रहा। आए दिन किशोरी का सौदा किया जाने लगा। महिला के मुंहबोले जीजा द्वारा किशोरी को होटलों व अन्य जगहों पर भी भेजा जाने लगा।
पुलिस मुख्यालय कर रहा मॉनिटरिंग पीड़िता के बयान के बाद पुलिस अब देह व्यापार रैकेट की संचालिका अनीता, उसके दलाल संजीत और अभियंता अमरेश के अलावा देह व्यापार के संचालक संजय यादव उर्फ जीजा को जेल भेज चुकी है। इस मामले की पर पुलिस मुख्यालय की नजर लगातार बनी हुई है। इसकी मॉनीटरिंग मुख्यालय में वरीय अधिकारी कर रहे हैं।
पटना में भी छापा
पुलिस ने इस मामले में आरोपी पाए गए रिंकू की भी छापेमारी की लेकिन उसका अभी तक सुराग नहीं मिला। वहीं, विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद पुलिस ने पटना में भी छापा मारा है। विधायक की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। अगर विधायक ने सरेंडर नहीं किया तो पुलिस उनके खिलाफ इश्तेहार जारी किया जाएगा।