गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ‘हमने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई। हमने मुस्लिम बहनों के लिए तीन तलाक कानून बनाकर उन्हें न्याय दिलाया। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। तुष्टीकरण की राजनीति को हमने खत्म किया है। अब देश में कॉमन सिविल कोड को लागू करना उद्देश्य है। हम इसे भी पूरा करेंगे।
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कॉमन सिविल कोड की घोषणा की थी। भाजपा की सरकार बनने के बाद दोबारा सीएम बने पुष्कर धामी ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक के दौरान ही कॉमन सिविल कोड पर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर एक ड्राफ्ट तैयार होगा। फिर मंत्रिमंडल में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए इसे लागू किया जाएगा। इस दौरान सीएम पुष्कर धामी ने कहा था कि अन्य राज्यों से भी हम अपेक्षा करेंगे कि वहां पर भी इसे लागू किया जाए।
क्या है कॉमन सिविल कोड
समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि राज्य या देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून का होना, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय से ताल्लुक रखता हो। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद शादी, तलाक और जमीन-जायदाद में बंटवारे पर भी सभी लोगों के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक ऐसा कानून होगा, जिसका किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं होगा और सबके लिए समान रूप से लागू होगा। जबकि वर्तमान में मुस्लिमों के द्वारा मुस्लिम परसोनल लॉं बोर्ड के तहत ज्यादा मामलों को निपटाया जाता है।