scriptUP में ‘कॉमन सिविल कोड’ लागू करने जा रहे हैं, मुस्लिमों का अलग कानून नहीं होगा – डिप्टी सीएम केशव मौर्य | Deputy CM Keshav Maurya going to implement Common Civil Code in UP | Patrika News
लखनऊ

UP में ‘कॉमन सिविल कोड’ लागू करने जा रहे हैं, मुस्लिमों का अलग कानून नहीं होगा – डिप्टी सीएम केशव मौर्य

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी है। इसके तहत कॉमन सिविल कोड लागू को यूपी में लागू किया जाएगा।

लखनऊApr 24, 2022 / 07:51 am

Dinesh Mishra

 BJP does not need Ghulam Nabi Azad Said Keshav Prasad Maurya

BJP does not need Ghulam Nabi Azad Said Keshav Prasad Maurya

यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि भाजपा हमेशा से एक देश, एक कानून के पक्ष में रही है। यह भाजपा के चुनावी एजेंडे में भी शामिल किया गया था। हम जल्द ही कॉमन सिविल कोड पर कैबिनेट में चर्चा करेंगे। और यूपी में सबसे पहले इसे लागू करेंगे। इससे सभी को समान रूप से न्याय मिल सकेगा। खासकर मुस्लिमों एक बड़ी आबादी यानी महिलाओं को न्याय मिल सकेगा। केशव मौर्या का बयान उस समय आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में कॉमन सिविल कोड पर बयान दिया।
अमित शाह का भी कॉमन सिविल कोड पर बयान
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ‘हमने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई। हमने मुस्लिम बहनों के लिए तीन तलाक कानून बनाकर उन्हें न्याय दिलाया। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। तुष्टीकरण की राजनीति को हमने खत्म किया है। अब देश में कॉमन सिविल कोड को लागू करना उद्देश्य है। हम इसे भी पूरा करेंगे।
उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पर कमिटी
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कॉमन सिविल कोड की घोषणा की थी। भाजपा की सरकार बनने के बाद दोबारा सीएम बने पुष्कर धामी ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक के दौरान ही कॉमन सिविल कोड पर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर एक ड्राफ्ट तैयार होगा। फिर मंत्रिमंडल में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए इसे लागू किया जाएगा। इस दौरान सीएम पुष्कर धामी ने कहा था कि अन्य राज्यों से भी हम अपेक्षा करेंगे कि वहां पर भी इसे लागू किया जाए।

क्या है कॉमन सिविल कोड
समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि राज्य या देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून का होना, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय से ताल्लुक रखता हो। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद शादी, तलाक और जमीन-जायदाद में बंटवारे पर भी सभी लोगों के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक ऐसा कानून होगा, जिसका किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं होगा और सबके लिए समान रूप से लागू होगा। जबकि वर्तमान में मुस्लिमों के द्वारा मुस्लिम परसोनल लॉं बोर्ड के तहत ज्यादा मामलों को निपटाया जाता है।

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