अमित सिंघल को पद छोड़ने के लिए समझौते के तौर पर कंपनी ने कितनी राशि दी, इसकी जानकारी पहले सामने नहीं आई थी। शेयरधारकों द्वारा गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के निदेशकों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे की सुनवाई के दौरान सोमवार को यह राशि सामने आई। शेयरधारकों ने यह तर्क देते हुए निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है कि यौन उत्पीड़न के आरोपित को ऐसा एक्जिट पैकेज देकर निदेशकों ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा है। मामला जनवरी में कैलिफोर्निया सुपीरियर कोर्ट में दर्ज कराया गया था। कंपनी ने इस आरोप की जांच की और पाया कि सिंघल नशे में धुत्त थे। इस मामले के बाद उस समय सिंघल ने इस्तीफा दे दिया और इसका कारण बताया कि वह परिवार के साथ अधिक समय बिताना चाहते हैं। हालांकि, सिंघल ने कंपनी से मिले पैसे को लेकर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
15 साल तक गूगल के साथ किया काम
झांसी में जन्मे सिंघल 15 साल वह गूगल कोर सर्च टीम के प्रमुख रहे थे। उन्होंने आइआइटी रुड़की से कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से एमएस की डिग्री ली थी।
सीईओ सुंदर पिचाई ने दिया बयान
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहले कहा था हमने 2 साल में यौन उत्पीड़न के आरोपी 48 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इनमें 13 वरिष्ठ अफसर भी शामिल हैं। किसी भी आरोपी कर्मचारी को एग्जिट पैकेज नहीं दिया गया। एंड्रयू बीन पर साल 2013 में यौन उत्पीड़न के आरोप लगे। इसके बावजूद गूगल ने उन्हें एग्जिट प्लान के तहत 626 करोड़ दिए। एग्जिट प्लान के तहत रूबीन को इतनी बड़ी रकम देने के विरोध में कंपनी के 1500 से ज्यादा कर्मचारियों ने वकआउट भी कर दिया था। रुबीन की कंपनी एंड्रॉएड इन्कॉरपोरेशन को गूगल ने खरीद लिया था।