यूपी के सरकारी विभागों में अनुउपयोगी पदों को खत्म करने के लिए मुख्य सचिव राजीव कुमार ने अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया है। मुख्य सचिव की तरफ से जारी किए गए आदेश में विभागों को अनुपयोगी और अप्रासंगिक पदों को शीर्ष प्राथमिकता पर चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसलिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा है।
राज्य सरकार में कई ऐसे विभाग हैं जिनमें पुराने समय के अनुसार पदों का सृजन किया गया था, लेकिन अब इन पदों की कोई जरूरत नहीं है। इसमें गृह विभाग, आवास विभाग, नगर विकास विभाग, वाणिज्य कर विभाग, वित्त विभाग, सचिवलाय प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, ग्राम्य विकास विभाग समेत कई ऐसे निगम हैं। इन विभागों में पुरानी व्यवस्था के मुताबिक पदों का तो सृजन किया गया था, पर अब इन पदों की कोई जरूरत नहीं हैं। कई ऐसे पद भी हैं जिनपर लंबे समय से तैनाती भी नहीं की गई है। इसलिए सरकार चाहती है कि ऐसे पदों को खत्म किया जाए। शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रदेश में टैक्स की नई व्यवस्था जीएसटी लागू होने के बाद पहले से चले आ रहे कई पद समाप्त होंगे। अभी कौन से पद समाप्त होंगे। इसी प्रकार यूपी में जीएसटी लागू होने के बाद मनोरंजन कर विभाग में भी कई पदों को खत्म किया जाना है। इन विभागों के कर्मचारी असमंजस्य में हैं कि आखिर उनका क्या होगा।
यूपी सरकार की इस अनुपयोगी पदों के खत्म होने से सरकार को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। सचिवालय और जिला स्तर पर कई ऐसे पद हैं, जिनकी अब कोई उपयोगिता नहीं है और लंबे समय से ऐसे पदों पर कोई तैनात भी नहीं है। मगर पद सृजित होने की वजह से हर साल के बजट में करोड़ों रुपये अलॉट होते हैं। जिनका कोई उपयोग नहीं हो पाता है। कई बार तो विभागों को आवंटित होने वाले रकम का पुर्नविनियोग भी करवाना पड़ता है। अब इन पदों के खत्म करने के लिए मुख्य सचिव ने विभागों विभागों से प्रस्ताव मांगा है। सरकार उन पदों को भी खत्म करेगी जिन पर लम्बे समय से किसी की तैनाती नहीं हुई है। ऐसे तीन दर्जन पदों को चिह्नित कर लिया गया है।