ज्ञानवापी मस्जिद मामल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन ने कहा कि मुझे इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पहले मुझे फाइलों पर गौर करने दें। हम इसे सूची बद्ध करेंगे। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील हुफेजा अहमदी ने कहा कि आज सर्वे हो रहा है। यथास्थिति बने रहने का आदेश दें। कहा कि यह मस्जिद वर्शिप एक्ट के तहत आती है। इसके जवाब में सीजेआई ने कहा “हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।” ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर तत्काल रोक लगाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हालांकि इस संबंध में अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जाहिर की है और बाद में इस पर सुनवाई की जाएगी।
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कहीं आपकी भी किस्मत का कनेक्शन तो नहीं जुड़ा श्रीलंका से, जानिए क्या पड़ेगा आपके जीवन पर प्रभाव कमिश्नर पर पक्षपात का आरोप स्थानीय अदालत ने कहा था कि सर्वे जारी रहेगा और जरूरत पड़े तो सर्वे करने वाले लोग मस्जिद के भीतर तक जा सकते हैं और उसकी वीडियोग्राफी भी कर सकते हैं। अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने संबंधी याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि 17 मई तक सर्वे कमेटी रिपोर्ट दै।
पांच महिलाओं ने दाखिल की थी याचिका
इससे पहले वाराणसी में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने तीन कोर्ट कमिश्नर के साथ 17 मई तक सर्वे पूरा कर के रिपोर्ट जमा करने के आदेश दिए थे। पांच महिलाओं की ओर से मां श्रृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन को लेकर वाराणसी की अदालत में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था।