इससे पहले उत्तर प्रदेश में पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के पीएफ घोटाले का भी मामला सामने आया था। मामले में सीबीआई ने 2 आईएएस अफसरों से पूछताछ भी की और उनके बयान दर्ज किए। ये अफसर पूर्व प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अपर्णा यू हैं। सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों अफसरों से प्रदेश में हुए 22 अरब के पीएफ घोटाले के मामले में कई नियम कायदे कानून के बारे में पूछताछ की गई। वहीं, डीएचएफएल में निवेश करने वाली ब्रोकर फर्मों के बारे में भी सीबीआई ने अफसरों से लिखित जानकारी ली है।
दरअसल, पीएफ के पैसे के निवेश का यह घोटाला पिछले साल तब सामने आया था जब ऊर्जा विभाग में काम करने वाले कर्मचारी नेताओं ने यह सवाल उठाया था कि आखिरकार उनके पीएफ का पैसा एक दागी कंपनी में क्यों निवेश किया गया है? मामला बढ़ते देख योगी सरकार ने पहले जांच ईओडब्ल्यू को दी, लेकिन बाद में पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के 2 दिन बाद ही विभाग के वित्त निदेशक सुधांशु त्रिवेदी, सचिव पीके गुप्ता और उसके बाद पूर्व एमडी एपी मिश्र को गिरफ्तार कर लिया था।