केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि सिर में चोट लगने से युवक मानसिक संतुलन खो बैठा था, जिसके कारण वह बार-बार बेड से भाग रहा था। ऐसे में इलाज और कठिन हो गया था। ऐसे में मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी और कोरोना वार्ड में लगे डॉक्टरों की टीम ने संयुक्त रूप से इलाज की रणनीति बनाई।सर्जरी के बाद मरीज की न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या खत्म हो गई है। एक तरह से यह मरीज तीन बीमारी से ग्रसित हो गया था लेकिन छह दिन में ही उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।
प्रो. भट्ट ने बताया कि एचआईवी संक्रमित मरीज में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम हो जाती है। ऐसे मरीजों में अन्य की अपेक्षा संक्रमण की गति कई गुना अधिक होती है। युवक का मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं था। वह ठीक से अपनी समस्या भी नहीं बता पा रहा था। ऐसे डॉक्टर्स की टीम ने जांच रिपोर्टों के आधार पर इलाज शुरू किया। न्यूरो सर्जरी के बाद उसका मानसिक संतुलन में सुधर गया है। कुलपति ने कहा, बहुत सौभाग्य की बात है कि मरीज छह दिन में ही ठीक हो गया। कोरोना के इलाज की दिशा में आशा की किरण लेकर आई है।
लखनऊ में तीन हॉटस्पाट क्षेत्र घट गये हैं। अब यहां पर सिर्फ पांच ही हॉटस्पाट बचे हैं। यानी के अब ये क्षेत्र कोरोना संक्रमण के गंभीर खतरे से बाहर हो गये हैं। अप्रैल माह में नजरबाग वार्ड का फूलबाग, नक्खास का कटरा अजमबेग और हसनगंज का नई बस्ती इरादत नगर जलिलिया मदरसा को हॉटस्पाट घोषित किया गया था। अब यह इस श्रेणी से बाहर हैं। पिछले 24 दिनों में इन क्षेत्रों में कोई नया मामला नहीं आने के बाद हॉटस्पॉट का टैग हटा दिया गया। अब सिर्फ थाना कैसरबाग नया गांव पश्चिम (नजीराबाद रोड), तोप खाना थाना कैंट, कैसरबाग सब्जी मंडी व जम्बूर खाना मछली मोहाल के आस पास का क्षेत्र, खंदारी लेन, लाल बाग और थाना कैंट मस्जिद अलीजान के आस पास का क्षेत्र ही हॉटस्पाट घोषित है।