इस सर्वे के दौरान ही नगर निगम सीमा में आने वाले मकान मालिकों से उसने हाउस टैक्स जमा करने के बारे में जानकारी ली जाएगी। अगर हाउस टैक्स उनके द्वारा नहीं जमा किया जा रहा है तो उनके उस मकान में रहने की गणना बिजली के बिल के आधार पर की जाएगी।
कई सालों से नहीं हुआ सर्वे शहरी क्षेत्रों में बनने वाले मकानों का सर्वे पिछले कई सालों से नहीं हुआ है। स्थानीय निकाय निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक नगर निगम अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर नगर निगम सीमा क्षेत्र में बनने वाले मकानों का प्रत्येक साल सर्वे कराया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। इसके चलते शहरों में बनने वाले नए मकानों से हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो पाती है। इसलिए शहरों में बनी नई कालोनियों का नए सिरे से सर्वे कराने की योजना तैयार की गई है। नगर निगम प्रशासन को स्वयं सेटेलाइट मैप तैयार कराने के साथ इसका स्थलीय सर्वे कराने की व्यवस्था करनी होगी। इस संबंध में जल्द ही उन्हें निर्देश भेजने की तैयारी है।