एसएसपी ने किया था खुलासा 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थी डॉ. कृष्ण लाल पटेल के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने के तमाम लोग आरोप तो लगा रहे थे, लेकिन किसी की तरफ से कोई तहरीर नहीं आई, जिसके चलते मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया था। वहीं जिन अभ्यर्थियों से इस गैंग के सदस्यों ने लाखों रुपए वसूले, वह भी डर के मारे सामने नहीं आ रहे थे। लेकिन 4 जून को जब प्रतापगढ़ के एक अभ्यर्थी राहुल सिंह ने एसएसपी से संपर्क साधा तो उसके बाद मामले में तत्काल कार्रवाई शुरू हो गई। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज (IPS Satyarth Anirudh Pankaj) ने राहुल की तहरीर पर सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया और मामले की जांच ने तेजी पकड़ी।
एसटीएफ के पास जांच एसएसपी ने इस मामले की जांच में एएसपी अशोक वेंकटेश और अनिल यादव को लगाया। कुछ ही घंटों में पुलिस ने एक कार से जा रहे छह संदिग्धों को साढे सात लाख रुपए के साथ हिरासत में ले लिया। पुलिस अफसरों ने गैंग में शामिल डॉ. कृष्ण लाल पटेल, स्कूल संचालक ललित त्रिपाठी और लेखपाल संतोष बिंदु को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की और 22 लाख से ज्यादा कैश बरामद कर लिया। जिसके बाद इस फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगीं। अब इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है और फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी चंद्रमा यादव की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। लेकिन ऐसे में प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को यहां से हटाकर प्रतीक्षासूची में डालना, मामले में कई सवाल खड़े कर रहा है।