अखिलेश यादव ने जिन 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाती में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था , उसी में से राजभर जाति से आते हैं ओमप्रकाश राजभर |
ओमप्रकाश राजभर का पैतृक निवास प्रयागराज है लेकिन अब राजभर का परिवार लखनऊ में रहता है| वह एकता मंच गठबंधन के नेता हैं, जिसमें भासपा एक सदस्य है।
ओम प्रकाश राजभर एक भारतीय राजनीतिज्ञ और विधायक हैं और यूपी के जहूराबाद निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं| वर्तमान में यूपी की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रह चुके हैं| वह एकता मंच गठबंधन के नेता हैं, जिसमें भासपा(SBSP) एक सदस्य है। और राजभर पेशे से एक कृषिविद(agriculturalist) है| 19 मार्च 2017 को, राजभर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और विकलांग जन विकास विभाग के मंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बने थे लेकिन 20 मई 2019 को, राजभर को गठबंधन विरोधी गतिविधियों के कारण योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था|
भासपा पार्टी का मुख्यालय रसरा, बलिया जिले में है और पार्टी का झंडा पीले रंग का है।
राजभर ने 1981 में कांशीराम के समय में राजनीति शुरू की थी। 2001 में राजभर भदोही का नाम बदल कर संतकबीर नगर रखने से इनका बहुजन समाज पार्टी में मायावती से विवाद हुआ था। इसके बाद इन्होंने अपनी पार्टी बनाई। 2004 से चुनाव लड़ रही भासपा(SBSP) ने यूपी और बिहार के चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए मगर ज़्यादातर मौकों पर जीतने से ज़्यादा खेल बिगाड़ने वाले बने रहे। मगर 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन करके उन्होने सत्ता के साथ रहने का सुख पा लिया। वैसे राजभर ने पहले मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। मगर बाद में पीछे हट गए थे।
चेतन चौहान की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी यूपी में लगभग 18 प्रतिशत राजभर हैं, जिसमे से ज्यादातर लोग भूमिहीन मजदूर हैं और बलिया जिले के सेहर और सेलमपुर जैसे कुछ विधानसभा क्षेत्रों में, जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी लगभग 35 प्रतिशत है।
राजभर पार्टी में पूर्व वन मंत्री राजधारी कोटली, राधे श्याम सिंह सेठवर, विनोद राजभर जैसे अन्य कईं बड़े नेता इस पार्टी के सदस्य हैं| यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव में पार्टी का विचार
राजभर ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि वह भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार करेंगे, अगर वह ओबीसी मुख्यमंत्री सहित उनकी पांच मांगों को पूरा करेंगे। भासपा ने इशारा दिया की तीन मुख्य विपक्षी दलों – समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस में से किसी एक के साथ गठबंधन कर सकते हैं|