हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अब जरूरी
सुरक्षा को देखते हुए गाड़ियों के लिए अनिवार्य की गई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर हो रही लापरवाही को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद परिवहन विभाग ने बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के वाहनों से संबंधित किसी भी काम पर रोक लगा दी। यानी जब तक वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी होगी तब तक गाड़ी के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाएंगे। वहीं गाड़ी के ट्रांसफर और चालान से संबंधित काम भी विभाग से नहीं होंगे।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए समय सीमा
परिवहन विभाग ने अगल-अलग समय में पंजीकृत गाड़ियों को लेकर तारीख तय की है। एक अप्रैल 2005 से पहले के रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों में नंबर प्लेट लगाने के लिए चार महीने तक की समय सीमा तय की गई है। एक अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2010 के बीच के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए छह महीने का समय दिया गया है। एक अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 के बीच के वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए आठ महीने का और एक अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2019 तक के रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए 10 महीने की समय सीमा तय की गई है। तय समय सीमा के अंदर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगवाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
तय समय के बाद होगी कार्रवाई
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शासन की ओर से सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। निर्धारित समय में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर आरटीओ में उनके कोई काम नहीं होंगे। इसके साथ ही वाहन मालिकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में खास
आपको बता दें कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एल्यूमीनियम से बनी होती है। इस पर एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम होता है। यह होलोग्राम प्रेशर मशीन से तैयार किया जाता है। इस प्लेट पर एक पिन दर्ज होता है। पिन को वाहन से जोड़ा जाता है। दरअसल अभी इस्तेमाल की जाने वाली नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना बहुत आसान है। इन्हें आसानी से गाड़ी से निकालकर बदला भी जा सकता है। अक्सर गाडि़यों की चोरी के तुरंत बाद चोर नंबर प्लेट को बदल देते हैं। लेकिन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को हटाया नहीं जा सकेगा। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट इंजन नंबर, चेसिस नंबर समेत तमाम जानकारी देने के बाद ही जारी किए जाते हैं। इसके अलावा कुछ गाड़ी मालिक नंबर प्लेटों के लिए अलग-अलग फॉन्ट और स्टाइल का इस्तेमाल करते हैं। इससे ट्रैफिक पुलिस के लिए गाड़ी के नंबरों को समझना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हाई सिक्यारिटी नंबर प्लेट में संख्या के लिए एक ही पैटर्न दिया गया है। जिससे कोई भी दूर से गाड़ी का नंबर पढ़ सकता है।