किराएदार और मकान मालिक की जिम्मेदारी तय दरअसल यूपी में नौ अप्रैल को नगरीय परिसर किरायेदारी विनयमन (द्वितीय) अध्यादेश-2021 लागू किया गया है। इसमें किराएदार (Tenant) और मकान मालिक (Landlord) की जिम्मेदारी तय की गई है। इस मामले की सुनवाई के लिए किराया प्राधिकरण गठन की व्यवस्था की गई है। अब न्यायिक व्यवस्था के लिए किराया अधिकरण के गठन संबंधी अधिसूचना जल्द जारी करने की तैयारी है। किराया अधिकरण का अध्यक्ष जिला जज होगा या उसके द्वारा नामित अपर जिला न्यायधीश होगा। किराया प्राधिकरण के फैसलों को चुनौती इसमें दी जा सकेगी।
अपील दायर करने का होगा हक भू-स्वामी या किराएदार शपथ पत्र और दस्तावेजों के आधार पर किराया अधिकरण में अपील दायर करने का हकदार होगा। इसके आधार पर किराया अधिकरण विरोधी पक्षकार को नोटिस जारी करेगा। विरोधी पक्षकार आवेदक को उसकी एक प्रति तामील कराने के बाद शपथ-पत्र और दस्तावेजों के साथ उत्तर दाखिल करेगा। किराया अधिकरण को जांच कराने का भी अधिकार होगा। तय समय में मामले का निस्तारण न होने पर किराया अधिकरण को इसके लिए स्थिति स्पष्ट करनी होगी। किराया अधिकरण को भू-स्वामी और किराएदार को नोटिस ई-मेल, व्हाट्सएप, एसएमएस या दूसरे मान्यता प्राप्त इलेक्ट्रानिक माध्यम से तामील कराना होगा। किराया अधिकरण जांच कराने के लिए कम से कम 24 घंटे का नोटिस जरूर देगा। किराया अधिकरण जहां किराया न्यायसंगत या उचित न होने पर दस्तावेज की मांग करेगा। इस सुनवाई के दौरान किसी दस्तावेज को एक से ज्याद बार दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।