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लखनऊ

यूपी से उत्तराखंड जाने का आखिरी मौका, चूक गए तो रहना होगा यहीं

17 साल से चल रहा है कैडर और सम्पत्ति बटवारे का विवाद

लखनऊNov 05, 2017 / 03:30 pm

Anil Ankur

uttarkashi worlds most dangerous path

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लखनऊ। अगर आप उत्तराखंड के हैं और यूपी में नौकरी कर रहे हैं तो उत्तरा खंड लौटने का यह आपका आखिरी मौका होगा। उत्तराखंड और यूपी में कैडर बदलने के लिए दिसम्बर में बैठक होगी। उसमें चूक गए तो यहीं रहना होगा। फिर नहीं बदल सकेगा आपका कैडर।
17 साल से चल रहा है कैडर और सम्पत्ति बटवारे का विवाद

उल्लेखनीय है कि नौ नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश के उत्तरी पहाड़ी इलाकों को काटकर उत्तराखंड राज्य बनाया गया था। उसी के साथ ही यूपी के दो हिस्से हो गए थे एक उत्तर प्रदेश और दूसरा उत्तराखंड। 17 साल बाद भी इन दोनो राज्यों के बीच तमाम बटवारे को लेकर विवाद जारी है। अब सरकारी कर्मचारियों को अपने राज्य वापस लौटने के लिए कैडर चेंज का आखिरी मौका सरकार ने दिया है। इस बारे में फैसला करने के लिए कई बार दोनों सरकारों के बीच बैठकें हुईं। यूपी सचिवालय में इसके लिए अलग से विभाग बनाय गया। कर्मचारियों के बटवारे से लेकर सम्पत्ति बटवारे तक पर अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट देते हैं।
सीएम से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक कर चुके हैं बैठकें

दोनों राज्यों के विवादों को सुलझाने के लिए अब तक दोनो राज्यों के शीर्ष अधिकारियों ने कई बार मुलाकातें कीं। हाल में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच भी मुलाकात हुई। बीती 10 अप्रैल को उत्तराखंड में भाजपा सरकार आने के बाद मुलाकतों का दौर चल पड़ा है। इससे पहले 2 फरवरी को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक दिल्ली में हुई थी। पर उस बैठक के बाद कोई कारगर कार्यवाही नहीं हुई थी।
दोनों सरकारों के 500 कर्मचारियों के मामले हैं लम्बित

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के लगभग 500 अधिकारियों और कर्मचारियों के मामले लम्बित हैं। अब इस साल दिसम्बर में उत्तराखंड के निर्माण से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए मौका मिलेगा। इस सम्बन्ध में एक समिति की बैठक में अब यह फैसला होगा कि या तो कैडर बदलो या फिर राज्य। यह ऐसे कर्मचारियों के लिए राज्य में बदलने का अंतिम मौका मिलेगा। अन्यथा जो जहां काम कर रहा है वह वहीं काम करता रहेगा।

अन्य लंबित मुद्दे
– सिंचाई विभाग की भूमि का स्थानांतरण, मानेरी भली परियोजना, टिहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएचडीसी) द्वारा उत्पन्न बिजली और यूपीएसआरटीसी बसों का संचालन।
– उत्तर प्रदेश आवास विकास बोर्ड के 25 परियोजनाओं का स्थानांतरण
-यूपी 676 करोड़ रुपये की बकाया राशि चाहता है। उत्तराखंड सरकार को उत्तर प्रदेश से 43.47 करोड़ रुपये चाहिए
– अविभाजित यूपी में भोजन और नागरिक आपूर्ति के जरिए लगभग 629.6 करोड़ रुपये का मामला
– उत्तराखंड वन निगम को 173.28 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा
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