दरअसल, यूपी में बीते दिनों अपराध के कई मामले सामने आए हैं। इसे लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर रहा है। अखिलेश खासतौर से सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि अगर मानवता को पूंजी और सत्ता की हिंसा से मुक्ति दिलानी है, तो समाजवाद का सपना देखना होगा। वर्ष 2022 में हमें अपनी तैयारियों को लेकर कोई कसर बाकी नहीं रखनी है। 2022 में ‘समाजवादी सरकार का काम जनता के नाम’ का उद्घोष रहेगा।
इसके साथ ही कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने केंद्र और राज्यों में सरकारें चलाई हैं और दोनों ने ही संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इनके कारण संवैधानिक संस्थाओं में जन विश्वास को खतरा पैदा हुआ है। अखिलेश ने सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खां का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार सपा नेताओं को अपमानित करने और झूठे मुकदमों में फंसा कर समझती है कि इससे सपा का मनोबल तोड़ा जा सकता है, लेकिन यह उसकी खाम-ख्याली है।
अखिलेश ने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर उन्होंने यह संदेश पार्टी राज्यसभा सदस्य जया बच्चन और रामगोपाल यादव को डिजिटल माध्यम से भेजा है। इसे प्रदेश में सपा के सभी विधायकों, सांसदों, जिला इकाइयों और जमीनी स्तर पर बूथ इकाइयों तक के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं तक डिजिटल माध्यम से यह संदेश पहुंचाया जाएगा।