होटल, रेस्टोरेंट, बार, अंग्रेजी शराब की दुकान, देशी शराब की दुकान, बीयर शॉप, मॉडल शॉप, बार, नर्सिंग होम- प्रसूतिगृह, जलपानगृह, कोल्ड ड्रिंक निर्माण एवं विक्रय केंद्र, पैथालॉजी, एक्सरे, ब्लड बैंक, एलोपैथ क्लीनिक, आयुष क्लीनिक और ईंट-भट्टा। जिन व्यवसायों के लिए नगर निगम से लाइसेंस लिए जाने ने आवश्यक हैं, उनकी तादाद करीब 2000 है।
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अलग-अलग प्रतिष्ठानों का अलग-अलग शुल्क
इन प्रतिष्ठानों का एक साल के लिए लाइसेंस बनाया जाता है। जो अप्रैल से मार्च की अवधि तक प्रभावी होता है। विभिन्न व्यवासायिक प्रतिष्ठानों के लाइसेंस के लिए अलग-अलग शुल्क है।
अभी तक की व्यवस्था में आवेदक को 20 रुपए का पंजीकरण फार्म लेना पड़ता था, जिसे भरकर जमा करना होता था। इसके बाद निगम का निरीक्षक मौके का सर्वे कर उस पर रिपोर्ट लगाता है। फिर फीम जमा कर लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।