भाषा संस्थान से सम्मान पाकर सभी साहित्यकार गद-गद हाे गए और उन्हाेंने आभार प्रकट करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सभी तकनीकी विषयों के पाठ्यक्र्म हिंदी में प्रकाशित होनें चाहिए क्योंकि किसी भी विषय काे अपनी भाषा में समझना अधिक सरल होता है और लंबे समय तक ध्यान भी रहता है। संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर राजनारायण शुक्ल ने कहा कि साहित्यकार राजनीतिक रूप से प्रेरित ना होकर अपनी कलम के प्रति वफादार रहें और आम जनता का मार्गदर्शन करते रहें।
इस कार्यक्र्म में उत्तर प्रदेश भाषा सम्मान से डॉक्टर मुरारी लाल अग्रवाल आगरा, डॉक्टर उन्नत बहादुर सिंह रायबरेली, डॉक्टर अमित भारती संतकबीरनगर, डॉक्टर अमित मल्ल कानपुर, पंकज प्रसून वैज्ञानिक लखनऊ तथा शब्द शिल्पी सम्मान से डॉक्टर वीणा शर्मा गाजियाबाद, डॉक्टर मुकेश चन्द्र गुप्ता मुरादाबाद, डॉक्टर सतीश चतुर्वेदी एटा, डॉक्टर गीता पाण्डेय गाजियाबाद, डॉक्टर सत्य प्रकाश पाल वाराणसी, गीता टण्डन प्रयागराज, डॉक्टर अलका पाण्डेय लखनऊ विवि, डॉक्टर गोविन्द स्वरूप गुप्त लखनऊ विवि, डॉक्टर बृजेश कुमार पाण्डेय प्रयागराज, डॉक्टर एचएल विश्वकर्मा रायबरेली को सम्मानित किया गया।