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लखनऊ

सूकर क्षेत्र सोरों तीर्थ स्थल घोषित, सीएम योगी का तोहफा

– संत-महात्माओं और नागरिक संगठनों की मांग हुई पूरी- ऐतिहासिक-पौराणिक स्थलों का हो सकेगा जीर्णोद्धार, बनेंगे रोजगार के नए साधन

लखनऊOct 28, 2021 / 05:19 pm

Sanjay Kumar Srivastava

15 lakh up villagers will get home certificate gharaunee pramaan patra

cm yogi

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ब्रज क्षेत्र के सूकर क्षेत्र सोरों को तीर्थस्थल घोषित कर दिया है। यह जनपद कासगंज में स्थित हैं। इसे तीर्थस्थल घोषित करने की मांग काफी दिनों से चल रही थी। प्रदेश सरकार ने बयान जारी कर कहा कि इस निर्णय से तीर्थ की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किया जा सकेगा और विकास के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे।
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तीर्थ स्थल के रूप में इस प्राचीन एवं पवित्र तीर्थ को संरक्षण मिलने से उसके अन्तर्गत आने वाले अनेकों छोटे-छोटे तीर्थों के जीर्णोद्धार में सुगमता होगी। साथ ही चक्रतीर्थ, योगतीर्थ, सूर्यतीर्थ, सोमतीर्थ एवं साकोटकतीर्थ आदि को भी लाभ होगा। यही नहीं, सोरों सूकर क्षेत्र के तीर्थ स्थल घोषित होने से विकास के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे। लंबे समय से संत-महात्माओं और विभिन्न संगठनों की ओर से सूकर क्षेत्र-सोरों को तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की जा रही थी। जिसे योगी सरकार ने पूरा कर दिया।
भगवान बराह की स्वर्गारोहण स्थली है सूकर क्षेत्र सोरों :- ब्रजक्षेत्र स्थित सूकर क्षेत्र, सोरो, जनपद कासगंज भारत का आदितीर्थ है। विभिन्न पुराणों में सोरों सूकर क्षेत्र का महत्व बताया गया है। माना जाता है कि सोरों सूकर क्षेत्र में भगवान विष्णु के तीसरे अवतार के रूप में श्री बराह भगवान की निर्वाण स्थली है। सोरों सूकर क्षेत्र के अन्तर्गत जो कुंड (हरिपदी गंगा) है, यह वही स्थान है, जहां भगवान श्री बराह ने स्वर्गारोहरण किया था और तभी से इस कुंड में मृत्यु के पश्चात अस्थियों का विसर्जन किया जाता है। सोरों सूकर क्षेत्र को मोक्ष प्रदान करने वाले तीर्थ के रूप में माना जाता है।
तीर्थ स्थल का दर्जा मिलने पर लाभ :-

तीर्थ की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण।
तीर्थ के महत्वपूर्ण प्राचीन धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार।
तीर्थयात्रियों-पर्यटकों के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का विकास।
हर की पौड़ी के घाट आदि का विकास।
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