मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि नागरिकता संशोधन बिल पास कराने को केंद्र सरकार ने जितनी जल्दबाजी दिखाई है, यदि उतनी ही देश में महिला उत्पीड़न, दुष्कर्म और हत्या आदि पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाने पर भी दिखाई होती, तो ज्यादा बेहतर होता। मायावती ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्यों को केवल पत्र लिखने की खानापूर्ति करने से इसका कोई सार्थक हल निकलने वाला नहीं है।
भारतीय नागरिकता बिल में केंद्र सरकार का प्रस्तावित संशोधन लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित हो गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक अब कानून बन गया है। अब इस को लागू करना ही बाकी रह गया। अब यह कानून बन जाएगा और इसके बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
कांग्रेस पर बरसीं मायावती :- आरक्षण के मुद्दे पर राज्यसभा में भूमिका को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट किया कि ‘संविधान के 126वें संशोधित बिल में एससी-एसटी आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने की व्यवस्था है, जिसके राज्यसभा में पारित होने में बाधा डालकर कांग्रेस ने अपनी दलित विरोधी सोच का परिचय दिया है। हालांकि सभापति के आग्रह पर वे सदन में वापस आए और तब विलंब से यह बिल पास हो पाया।’
एससी-एसटी आरक्षण को 10 वर्ष बढ़ाने वाला 126वां संशोधन बिल गुरुवार को राज्यसभा से पास हो गया है।