मदर्स डे 2021 स्पेशल : जज्बे और जुनून से कोरोना महामारी को हरा रही मां
पत्रिका न्यूज नेटवर्कलखनऊ. Mother’s Day 2021 : रात दो बजे रहे हैं, अचानक बाबू की लगातार खांसने की आवाज आती है। थोड़ा इंतजार कर मां तुरंत बाबू के कमरे में पहुंचती है। बेटा क्या हुआ। कुछ नहीं .. पता नहीं क्यों खांसी आ रही है। और नींद नहीं आ रही है मां। इतना सुनना था मां ने रसोई से अदरक के टुकड़े को काला नमक के साथ खाने को दिया। बाबू की खांसी रुक गई। फिर उसके सिराहने बैठ बेटे के सिर को सहलाने लगी। परेशान बेटा तो सो गया पर मां अर्चना को सारे रात नींद नहीं आई यह सोच कर कहीं यह कोरोना के लक्षण तो नहीं। पर मां ने सोच रखा था कि कुछ हो जाए कोरोना से बचाने की पूरी कोशिश करेगी। आज मदर्स डे है। सभी मां को नमन है। इस वक्त सभी मांएं अपने जज्बे और जुनून से कोरोना महामारी को हराने का भरपूर प्रयास कर रहीं हैं। कुछ बानगी आपके लिए है।
गरीबों, दलितों व आदिवासी समाज के लोगों को ‘फ्री’ में कोरोना वैक्सीन लगाएं राज्य सरकारें : मायावतीसुकून है कि सब आंखों के सामने हैं :- लखनऊ के राजाजीपुरम के एक घर की यह कहानी है। पर यह दृश्य इस कोरोनाकाल में हर घर में देखने को मिल जाएगा। राजाजीपुरम में रहने वाली अर्चना (45 वर्ष) बताती हैं कि, हर वक्त कोरोना और उससे जुड़ी घटनाओं को सुनकर दिल दहल जाता है। डर लगता है। सभी दुरुस्त रहें। वह आगे बताती हैं कि, बच्चों की आनलाइन क्लासेज चल रहीं हैं। उनकी सेहत, स्वास्थ्य पर हमेशा नजर बनी रहती है। कोई भी घर से बाहर निकला नहीं की वापस आने पर पूरा सैनेटाइज किया जाता है। बच्चे लापरवाही करते हैं पर समझाने पर मान जाते हैं। सुकून है कि सब आंखों के सामने हैं।
कोरोना वायरस उत्तर प्रदेश पर कोई रियायत नहीं बरत रहा है। बीते 24 घंटों में यूपी में 28,076 कोरोना वायरस के नए मामले पाए गए हैं। साथ ही कोरोना संक्रमित 372 लोगों की मौत हो गई। लखनऊ में 1982 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। 25 मरीजों की जान गई है।
आखिर में मां तो हैं न :- किरण सिंह (45 वर्ष) की आंखों से आंसू रुक नहीं रह रहे थे, जब उनको सूचना आई कि उनकी बेटी कोरोना पाजिटिव है। 11वीं में पढ़ने वाली बेबी भी परेशान हो गई। पर मां किरण ने मन ही मन निश्चय किया कि बेटी को ठीक कर दम लेंगी। 15 दिन तक कोरोना की सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए बेबी पर नजर रखी। और आज जब कोरोना की रिपोर्ट में बेबी को नेगेटिव बताया गया तो वह खिलखिला कर हंस उठी। किरण सिंह ने बताया कि, घर में सास—ससुर, देवर—देवरानी सब है। मिलजुल कर रहते हैं। हर आदमी की डिमांड होती है। हम पूरा करते हैं। इस वक्त अपने को स्वस्थ रखते हुए बच्चों पर ध्यान रखने की सख्त जरुरत है। चूके तो कुछ नुकसान हो जाएगा। आखिर में मां तो हैं न।
वो तो मेरी जान है:- प्रयागराज में मां चंद्रावती 94 वर्ष की हैं। कोरोना के बारे में एक साल सब कुछ जान गईं। बेटा 64 साल का है। सेवानिवृत डाक्टर है। पोते है। पर घर से कोई भी बाहर जाता है तो इस उम्र में भी वो उसे समझाने लगतीं हैं। उसकी बलाएं लेती हैं। और वो सारी हिदायतें देती हैं जोकि उन्होंने टीवी या अपने अनुभव से जाना है। जब चंद्रावती से पूछा गया कि अब भी आप अपने बेटे का इतना ख्याल रखती हैं तो वह बेहद गंभीर होकर कहती हैं कि, वो तो मेरी जान है।
आज मदर्स डे है। मां आपका कितना ख्याल रखती है इसका अंदाजा कम लोग लगा पाते हैं। मां को हमेशा प्यार और सम्मान दीजिए। आखिर वो आपकी जननी है…।
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