रायबरेली के दिशा अध्यक्ष पद से सोनिया गांधी हटायी गईं, स्मृति ईरानी बनीं नई चेयरपर्सन मायावती ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहाकि, सपा की तरह ही भाजपा ने भी धनबल, बाहुबल व सत्ता के घोर दुरुपयोग सहित अन्य अनेक हथकंडे अपनाकर अधिकतर सीटें जीतने का दावा किया है, जो जनता की बेचैनी बढ़ाने तथा एक बार फिर यहां लोकतंत्र की सही स्थापना के बजाय जनतंत्र को शर्मसार करने वाला है, यह अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण, निन्दनीय व सभी के लिए अति-चिन्ताजनक भी है।
जनता के ज़ख्म पर नमक छिड़कने जैसा :- सपा सुप्रीमो मायावती ने कहाकि, इन सबके बावजूद यूपी सरकार के जीत का दावा व जश्न आहत जनता के ज़ख्म पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है तो फिर यह और क्या है? वैसे तो उप्र में पिछले कई वर्षों के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब ही रही है व पंचायत चुनाव के दौरान भी दबंगई, अपहरण, अराजकता का माहौल आदि स्वाभाविक ही था। इसीलिए सरकार की नीति व नीयत को भांपकर बसपा ने पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर व ब्लाक प्रमुखों के अप्रत्यक्ष चुनाव को नहीं लड़ने का ही फैसला उचित समझा, जो बाद के चुनावी घटनाक्रमों के मद्देनजर बिल्कुल सही फैसला साबित हुआ है।
बसपा का मतलब है सबको न्याय व सबको सम्मान :- मायावती ने कहाकि, बसपा का मतलब है सबको न्याय व सबको सम्मान तथा अन्याय किसी के साथ नहीं। लोगों को यह सब स्मरण रखते हुए ही आगे की तैयारी करनी है। अब चुनाव के समय में लुभावने वादों, धार्मिक भावनाओं व शिलान्यास आदि के बहकावे में नहीं आना है। मायावती ने लोगों से अपने परिवार, समाज व प्रदेश के व्यापक हित में सही फैसला लेने की अपील की।